Surah Al-Fath Verse 5 - Hindi Translation by Maulana Azizul Haque Al Umari
Surah Al-Fathلِّيُدۡخِلَ ٱلۡمُؤۡمِنِينَ وَٱلۡمُؤۡمِنَٰتِ جَنَّـٰتٖ تَجۡرِي مِن تَحۡتِهَا ٱلۡأَنۡهَٰرُ خَٰلِدِينَ فِيهَا وَيُكَفِّرَ عَنۡهُمۡ سَيِّـَٔاتِهِمۡۚ وَكَانَ ذَٰلِكَ عِندَ ٱللَّهِ فَوۡزًا عَظِيمٗا
ताकि वह प्रवेश कराये ईमान वाले पुरुषों तथा स्त्रियों को ऐसे स्वर्गों में, बह रही हैं जिनमें नहरें और वे सदैव रहेंगे उनमें और ताकि दूर कर दे उनसे, उनकी बुराईयों को और अल्लाह के यहाँ यही बहुत बड़ी सफलता है।