Surah Al-Hujraat Verse 9 - Hindi Translation by Maulana Azizul Haque Al Umari
Surah Al-Hujraatوَإِن طَآئِفَتَانِ مِنَ ٱلۡمُؤۡمِنِينَ ٱقۡتَتَلُواْ فَأَصۡلِحُواْ بَيۡنَهُمَاۖ فَإِنۢ بَغَتۡ إِحۡدَىٰهُمَا عَلَى ٱلۡأُخۡرَىٰ فَقَٰتِلُواْ ٱلَّتِي تَبۡغِي حَتَّىٰ تَفِيٓءَ إِلَىٰٓ أَمۡرِ ٱللَّهِۚ فَإِن فَآءَتۡ فَأَصۡلِحُواْ بَيۡنَهُمَا بِٱلۡعَدۡلِ وَأَقۡسِطُوٓاْۖ إِنَّ ٱللَّهَ يُحِبُّ ٱلۡمُقۡسِطِينَ
और यदि ईमान वालों के दो गिरोह लड़[1] पड़ें, तो संधि करा दो उनके बीच। फिर दोनों में से एक, दूसरे पर अत्याचार करे, तो उससे लड़ो जो अत्याचार कर रहा है, यहाँ तक कि फिर जाये अल्लाह के आदेश की ओर। फिर, यदि वह फिर[1] आये, तो उनके बीच संधि करा दो न्याय के साथ तथा न्याय करो, वास्तव में अल्लाह प्रेम करता है, न्याय करने वालों से।