يُولِجُ ٱلَّيۡلَ فِي ٱلنَّهَارِ وَيُولِجُ ٱلنَّهَارَ فِي ٱلَّيۡلِۚ وَهُوَ عَلِيمُۢ بِذَاتِ ٱلصُّدُورِ
वह रात को दिन में प्रविष्ट कराता है और दिन को रात में प्रविष्ट कराता है। वह सीनों में छिपी बात तक को जानता है
Author: Muhammad Farooq Khan And Muhammad Ahmed