فَـَٔامِنُواْ بِٱللَّهِ وَرَسُولِهِۦ وَٱلنُّورِ ٱلَّذِيٓ أَنزَلۡنَاۚ وَٱللَّهُ بِمَا تَعۡمَلُونَ خَبِيرٞ
अतः तुम ईमान लाओ अल्लाह तथा उसके रसूल[1] पर तथा उस नूर (ज्योति)[2] पर, जिसे हमने उतारा है तथा अल्लाह उससे, जो तुम करते हो भली-भाँति सूचित है।
Author: Maulana Azizul Haque Al Umari