Surah Al-Mulk - Hindi Translation by Muhammad Farooq Khan And Muhammad Ahmed
تَبَٰرَكَ ٱلَّذِي بِيَدِهِ ٱلۡمُلۡكُ وَهُوَ عَلَىٰ كُلِّ شَيۡءٖ قَدِيرٌ
बड़ा बरकतवाला है वह जिसके हाथ में सारी बादशाही है और वह हर चीज़ की सामर्थ्य रखता है।
Surah Al-Mulk, Verse 1
ٱلَّذِي خَلَقَ ٱلۡمَوۡتَ وَٱلۡحَيَوٰةَ لِيَبۡلُوَكُمۡ أَيُّكُمۡ أَحۡسَنُ عَمَلٗاۚ وَهُوَ ٱلۡعَزِيزُ ٱلۡغَفُورُ
जिसने पैदा किया मृत्यु और जीवन को, ताकि तुम्हारी परीक्षा करे कि तुममें कर्म की दृष्टि से कौन सबसे अच्छा है। वह प्रभुत्वशाली, बड़ा क्षमाशील है।
Surah Al-Mulk, Verse 2
ٱلَّذِي خَلَقَ سَبۡعَ سَمَٰوَٰتٖ طِبَاقٗاۖ مَّا تَرَىٰ فِي خَلۡقِ ٱلرَّحۡمَٰنِ مِن تَفَٰوُتٖۖ فَٱرۡجِعِ ٱلۡبَصَرَ هَلۡ تَرَىٰ مِن فُطُورٖ
जिसने ऊपर-तले सात आकाश बनाए। तुम रहमान की रचना में कोई असंगति और विषमता न देखोगे। फिर नज़र डालो, "क्या तुम्हें कोई बिगाड़ दिखाई देता है
Surah Al-Mulk, Verse 3
ثُمَّ ٱرۡجِعِ ٱلۡبَصَرَ كَرَّتَيۡنِ يَنقَلِبۡ إِلَيۡكَ ٱلۡبَصَرُ خَاسِئٗا وَهُوَ حَسِيرٞ
फिर दोबारा नज़र डालो। निगाह रद्द होकर और थक-हारकर तुम्हारी ओर पलट आएगी
Surah Al-Mulk, Verse 4
وَلَقَدۡ زَيَّنَّا ٱلسَّمَآءَ ٱلدُّنۡيَا بِمَصَٰبِيحَ وَجَعَلۡنَٰهَا رُجُومٗا لِّلشَّيَٰطِينِۖ وَأَعۡتَدۡنَا لَهُمۡ عَذَابَ ٱلسَّعِيرِ
हमने निकटवर्ती आकाश को दीपों से सजाया और उन्हें शैतानों के मार भगाने का साधन बनाया और उनके लिए हमने भड़कती आग की यातना तैयार कर रखी है
Surah Al-Mulk, Verse 5
وَلِلَّذِينَ كَفَرُواْ بِرَبِّهِمۡ عَذَابُ جَهَنَّمَۖ وَبِئۡسَ ٱلۡمَصِيرُ
जिन लोगों ने अपने रब के साथ कुफ़्र किया उनके लिए जहन्नम की यातना है और वह बहुत ही बुरा ठिकाना है
Surah Al-Mulk, Verse 6
إِذَآ أُلۡقُواْ فِيهَا سَمِعُواْ لَهَا شَهِيقٗا وَهِيَ تَفُورُ
जब वे उसमें डाले जाएँगे तो उसकी दहाड़ने की भयानक आवाज़ सुनेंगे और वह प्रकोप से बिफर रही होगी।
Surah Al-Mulk, Verse 7
تَكَادُ تَمَيَّزُ مِنَ ٱلۡغَيۡظِۖ كُلَّمَآ أُلۡقِيَ فِيهَا فَوۡجٞ سَأَلَهُمۡ خَزَنَتُهَآ أَلَمۡ يَأۡتِكُمۡ نَذِيرٞ
ऐसा प्रतीत होगा कि प्रकोप के कारण अभी फट पड़ेगी। हर बार जब भी कोई समूह उसमें डाला जाएगा तो उसके कार्यकर्ता उनसे पूछेंगे, "क्या तुम्हारे पास कोई सावधान करनेवाला नहीं आया
Surah Al-Mulk, Verse 8
قَالُواْ بَلَىٰ قَدۡ جَآءَنَا نَذِيرٞ فَكَذَّبۡنَا وَقُلۡنَا مَا نَزَّلَ ٱللَّهُ مِن شَيۡءٍ إِنۡ أَنتُمۡ إِلَّا فِي ضَلَٰلٖ كَبِيرٖ
वे कहेंगे, "क्यों नहीं, अवश्य हमारे पास आया था, किन्तु हमने झुठला दिया और कहा कि अल्लाह ने कुछ भी नहीं अवतरित किया। तुम तो बस एक बड़ी गुमराही में पड़े हुए हो।
Surah Al-Mulk, Verse 9
وَقَالُواْ لَوۡ كُنَّا نَسۡمَعُ أَوۡ نَعۡقِلُ مَا كُنَّا فِيٓ أَصۡحَٰبِ ٱلسَّعِيرِ
और वे कहेंगे, "यदि हम सुनते या बुद्धि से काम लेते तो हम दहकती आग में पड़नेवालों में सम्मिलित न होते।
Surah Al-Mulk, Verse 10
فَٱعۡتَرَفُواْ بِذَنۢبِهِمۡ فَسُحۡقٗا لِّأَصۡحَٰبِ ٱلسَّعِيرِ
इस प्रकार वे अपने गुनाहों को स्वीकार करेंगे, तो धिक्कार हो दहकती आगवालों पर
Surah Al-Mulk, Verse 11
إِنَّ ٱلَّذِينَ يَخۡشَوۡنَ رَبَّهُم بِٱلۡغَيۡبِ لَهُم مَّغۡفِرَةٞ وَأَجۡرٞ كَبِيرٞ
जो लोग परोक्ष में रहते हुए अपने रब से डरते है, उनके लिए क्षमा और बड़ा बदला है
Surah Al-Mulk, Verse 12
وَأَسِرُّواْ قَوۡلَكُمۡ أَوِ ٱجۡهَرُواْ بِهِۦٓۖ إِنَّهُۥ عَلِيمُۢ بِذَاتِ ٱلصُّدُورِ
तुम अपनी बात छिपाओ या उसे व्यक्त करो, वह तो सीनों में छिपी बातों तक को जानता है
Surah Al-Mulk, Verse 13
أَلَا يَعۡلَمُ مَنۡ خَلَقَ وَهُوَ ٱللَّطِيفُ ٱلۡخَبِيرُ
क्या वह नहीं जानेगा जिसने पैदा किया? वह सूक्ष्मदर्शी, ख़बर रखनेवाला है
Surah Al-Mulk, Verse 14
هُوَ ٱلَّذِي جَعَلَ لَكُمُ ٱلۡأَرۡضَ ذَلُولٗا فَٱمۡشُواْ فِي مَنَاكِبِهَا وَكُلُواْ مِن رِّزۡقِهِۦۖ وَإِلَيۡهِ ٱلنُّشُورُ
वही तो है जिसने तुम्हारे लिए धरती को वशीभूत किया। अतः तुम उसके (धरती के) कन्धों पर चलो और उसकी रोज़ी में से खाओ, उसी की ओर दोबारा उठकर (जीवित होकर) जाना है
Surah Al-Mulk, Verse 15
ءَأَمِنتُم مَّن فِي ٱلسَّمَآءِ أَن يَخۡسِفَ بِكُمُ ٱلۡأَرۡضَ فَإِذَا هِيَ تَمُورُ
क्या तुम उससे निश्चिन्त हो जो आकाश में है कि तुम्हें धरती में धँसा दे, फिर क्या देखोगे कि वह डाँवाडोल हो रही है
Surah Al-Mulk, Verse 16
أَمۡ أَمِنتُم مَّن فِي ٱلسَّمَآءِ أَن يُرۡسِلَ عَلَيۡكُمۡ حَاصِبٗاۖ فَسَتَعۡلَمُونَ كَيۡفَ نَذِيرِ
या तुम उससे निश्चिन्त हो जो आकाश में है कि वह तुमपर पथराव करनेवाली वायु भेज दे? फिर तुम जान लोगे कि मेरी चेतावनी कैसी होती है
Surah Al-Mulk, Verse 17
وَلَقَدۡ كَذَّبَ ٱلَّذِينَ مِن قَبۡلِهِمۡ فَكَيۡفَ كَانَ نَكِيرِ
उन लोगों ने भी झुठलाया जो उनसे पहले थे, फिर कैसा रहा मेरा इनकार
Surah Al-Mulk, Verse 18
أَوَلَمۡ يَرَوۡاْ إِلَى ٱلطَّيۡرِ فَوۡقَهُمۡ صَـٰٓفَّـٰتٖ وَيَقۡبِضۡنَۚ مَا يُمۡسِكُهُنَّ إِلَّا ٱلرَّحۡمَٰنُۚ إِنَّهُۥ بِكُلِّ شَيۡءِۭ بَصِيرٌ
क्या उन्होंने अपने ऊपर पक्षियों को पंक्तबन्द्ध पंख फैलाए और उन्हें समेटते नहीं देखा? उन्हें रहमान के सिवा कोई और नहीं थामें रहता। निश्चय ही वह हर चीज़ को देखता है
Surah Al-Mulk, Verse 19
أَمَّنۡ هَٰذَا ٱلَّذِي هُوَ جُندٞ لَّكُمۡ يَنصُرُكُم مِّن دُونِ ٱلرَّحۡمَٰنِۚ إِنِ ٱلۡكَٰفِرُونَ إِلَّا فِي غُرُورٍ
या वह कौन है जो तुम्हारी सेना बनकर रहमान के मुक़ाबले में तुम्हारी सहायता करे। इनकार करनेवाले तो बस धोखे में पड़े हुए है
Surah Al-Mulk, Verse 20
أَمَّنۡ هَٰذَا ٱلَّذِي يَرۡزُقُكُمۡ إِنۡ أَمۡسَكَ رِزۡقَهُۥۚ بَل لَّجُّواْ فِي عُتُوّٖ وَنُفُورٍ
या वह कौन है जो तुम्हें रोज़ी दे, यदि वह अपनी रोज़ी रोक ले? नहीं, बल्कि वे तो सरकशी और नफ़रत ही पर अड़े हुए है
Surah Al-Mulk, Verse 21
أَفَمَن يَمۡشِي مُكِبًّا عَلَىٰ وَجۡهِهِۦٓ أَهۡدَىٰٓ أَمَّن يَمۡشِي سَوِيًّا عَلَىٰ صِرَٰطٖ مُّسۡتَقِيمٖ
तो क्या वह व्यक्ति जो अपने मुँह के बल औंधा चलता हो वह अधिक सीधे मार्ग पर ह या वह जो सीधा होकर सीधे मार्ग पर चल रहा है
Surah Al-Mulk, Verse 22
قُلۡ هُوَ ٱلَّذِيٓ أَنشَأَكُمۡ وَجَعَلَ لَكُمُ ٱلسَّمۡعَ وَٱلۡأَبۡصَٰرَ وَٱلۡأَفۡـِٔدَةَۚ قَلِيلٗا مَّا تَشۡكُرُونَ
कह दो, "वही है जिसने तुम्हें पैदा किया और तुम्हारे लिए कान और आँखे और दिल बनाए। तुम कृतज्ञता थोड़े ही दिखाते हो।
Surah Al-Mulk, Verse 23
قُلۡ هُوَ ٱلَّذِي ذَرَأَكُمۡ فِي ٱلۡأَرۡضِ وَإِلَيۡهِ تُحۡشَرُونَ
कह दो, "वही है जिसने तुम्हें धरती में फैलाया और उसी की ओर तुम एकत्र किए जा रहे हो।
Surah Al-Mulk, Verse 24
وَيَقُولُونَ مَتَىٰ هَٰذَا ٱلۡوَعۡدُ إِن كُنتُمۡ صَٰدِقِينَ
वे कहते है, "यदि तुम सच्चे हो तो यह वादा कब पूरा होगा
Surah Al-Mulk, Verse 25
قُلۡ إِنَّمَا ٱلۡعِلۡمُ عِندَ ٱللَّهِ وَإِنَّمَآ أَنَا۠ نَذِيرٞ مُّبِينٞ
कह दो, "इसका ज्ञान तो बस अल्लाह ही के पास है और मैं तो एक स्पष्ट॥ सचेत करनेवाला हूँ।
Surah Al-Mulk, Verse 26
فَلَمَّا رَأَوۡهُ زُلۡفَةٗ سِيٓـَٔتۡ وُجُوهُ ٱلَّذِينَ كَفَرُواْ وَقِيلَ هَٰذَا ٱلَّذِي كُنتُم بِهِۦ تَدَّعُونَ
फिर जब वे उसे निकट देखेंगे तो उन लोगों के चेहरे बिगड़ जाएँगे जिन्होंने इनकार की नीति अपनाई; और कहा जाएगा, "यही है वह चीज़ जिसकी तुम माँग कर रहे थे।
Surah Al-Mulk, Verse 27
قُلۡ أَرَءَيۡتُمۡ إِنۡ أَهۡلَكَنِيَ ٱللَّهُ وَمَن مَّعِيَ أَوۡ رَحِمَنَا فَمَن يُجِيرُ ٱلۡكَٰفِرِينَ مِنۡ عَذَابٍ أَلِيمٖ
कहो, "क्या तुमने यह भी सोचा कि यदि अल्लाह मुझे और उन्हें भी, जो मेरे साथ है, विनष्ट ही कर दे या वह हम पर दया करे, आख़िर इनकार करनेवालों को दुखद यातना से कौन पनाह देगा
Surah Al-Mulk, Verse 28
قُلۡ هُوَ ٱلرَّحۡمَٰنُ ءَامَنَّا بِهِۦ وَعَلَيۡهِ تَوَكَّلۡنَاۖ فَسَتَعۡلَمُونَ مَنۡ هُوَ فِي ضَلَٰلٖ مُّبِينٖ
कह दो, "वह रहमान है। उसी पर हम ईमान लाए है और उसी पर हमने भरोसा किया। तो शीघ्र ही तुम्हें मालूम हो जाएगा कि खुली गुमराही में कौन पड़ा हुआ है।
Surah Al-Mulk, Verse 29
قُلۡ أَرَءَيۡتُمۡ إِنۡ أَصۡبَحَ مَآؤُكُمۡ غَوۡرٗا فَمَن يَأۡتِيكُم بِمَآءٖ مَّعِينِۭ
कहो, "क्या तुमने यह भी सोचा कि यदि तुम्हारा पानी (धरती में) नीचे उतर जाए तो फिर कौन तुम्हें लाकर देगा निर्मल प्रवाहित जल
Surah Al-Mulk, Verse 30