إِنَّآ أَرۡسَلۡنَا نُوحًا إِلَىٰ قَوۡمِهِۦٓ أَنۡ أَنذِرۡ قَوۡمَكَ مِن قَبۡلِ أَن يَأۡتِيَهُمۡ عَذَابٌ أَلِيمٞ
निःसंदेह, हमने भेजा नूह़ को उसकी जाति की ओर कि सावधान कर अपनी जाति को, इससे पूर्व कि आये उनके पास, दूःखदायी यातना।
Author: Maulana Azizul Haque Al Umari