Surah Nooh - Hindi Translation by Maulana Azizul Haque Al Umari
إِنَّآ أَرۡسَلۡنَا نُوحًا إِلَىٰ قَوۡمِهِۦٓ أَنۡ أَنذِرۡ قَوۡمَكَ مِن قَبۡلِ أَن يَأۡتِيَهُمۡ عَذَابٌ أَلِيمٞ
निःसंदेह, हमने भेजा नूह़ को उसकी जाति की ओर कि सावधान कर अपनी जाति को, इससे पूर्व कि आये उनके पास, दूःखदायी यातना।
Surah Nooh, Verse 1
قَالَ يَٰقَوۡمِ إِنِّي لَكُمۡ نَذِيرٞ مُّبِينٌ
उसने कहाः हे मेरी जाति! वास्तव में, मैं खुला सावधान करने वाला हूँ, तुम्हें।
Surah Nooh, Verse 2
أَنِ ٱعۡبُدُواْ ٱللَّهَ وَٱتَّقُوهُ وَأَطِيعُونِ
कि इबादत (वंदना) करो अल्लाह की तथा डरो उससे और बात मानो मेरी।
Surah Nooh, Verse 3
يَغۡفِرۡ لَكُم مِّن ذُنُوبِكُمۡ وَيُؤَخِّرۡكُمۡ إِلَىٰٓ أَجَلٖ مُّسَمًّىۚ إِنَّ أَجَلَ ٱللَّهِ إِذَا جَآءَ لَا يُؤَخَّرُۚ لَوۡ كُنتُمۡ تَعۡلَمُونَ
वह क्षमा कर देगा तुमहारे लिए तुम्हारे पापों को तथा अवसर देगा तुम्हें निर्धारित समय[1] तक। वास्तव में, जब अल्लाह का निर्धारित समय आ जायेगा, तो उसमें देर न होगी। काश तुम जानते
Surah Nooh, Verse 4
قَالَ رَبِّ إِنِّي دَعَوۡتُ قَوۡمِي لَيۡلٗا وَنَهَارٗا
नूह़ ने कहाः मेरे पालनहार! मैंने बुलाया अपनी जाति को (तेरी ओर) रात और दिन।
Surah Nooh, Verse 5
فَلَمۡ يَزِدۡهُمۡ دُعَآءِيٓ إِلَّا فِرَارٗا
तो मेरे बुलावे ने उनके भागने ही को अधिक किया।
Surah Nooh, Verse 6
وَإِنِّي كُلَّمَا دَعَوۡتُهُمۡ لِتَغۡفِرَ لَهُمۡ جَعَلُوٓاْ أَصَٰبِعَهُمۡ فِيٓ ءَاذَانِهِمۡ وَٱسۡتَغۡشَوۡاْ ثِيَابَهُمۡ وَأَصَرُّواْ وَٱسۡتَكۡبَرُواْ ٱسۡتِكۡبَارٗا
और मैंने जब-जब उन्हें बुलाया, तो उन्होंने दे लीं अपनी उँगलियाँ अपने कानों में तथा ओढ़ लिए अपने कपड़े[1] तथा अड़े रह गये और बड़ा घमण्ड किया।
Surah Nooh, Verse 7
ثُمَّ إِنِّي دَعَوۡتُهُمۡ جِهَارٗا
फिर मैंने उन्हें उच्च स्वर में बुलाया।
Surah Nooh, Verse 8
ثُمَّ إِنِّيٓ أَعۡلَنتُ لَهُمۡ وَأَسۡرَرۡتُ لَهُمۡ إِسۡرَارٗا
फिर मैंने उनसे खुलकर कहा और उनसे धीरे-धीरे (भी) कहा।
Surah Nooh, Verse 9
فَقُلۡتُ ٱسۡتَغۡفِرُواْ رَبَّكُمۡ إِنَّهُۥ كَانَ غَفَّارٗا
मैंने कहाः क्षमा माँगो अपने पालनहार से, वास्तव में वह बड़ा क्षमाशील है।
Surah Nooh, Verse 10
يُرۡسِلِ ٱلسَّمَآءَ عَلَيۡكُم مِّدۡرَارٗا
वह वर्षा करेगा आकाश से तुमपर धाराप्रवाह वर्षा।
Surah Nooh, Verse 11
وَيُمۡدِدۡكُم بِأَمۡوَٰلٖ وَبَنِينَ وَيَجۡعَل لَّكُمۡ جَنَّـٰتٖ وَيَجۡعَل لَّكُمۡ أَنۡهَٰرٗا
तथा अधिक देगा तुम्हें पुत्र तथा धन और बना देगा तुम्हारे लिए बाग़ तथा नहरें।
Surah Nooh, Verse 12
مَّا لَكُمۡ لَا تَرۡجُونَ لِلَّهِ وَقَارٗا
क्या हो गया है तुम्हें कि नहीं डरते हो अल्लाह की महिमा से
Surah Nooh, Verse 13
وَقَدۡ خَلَقَكُمۡ أَطۡوَارًا
जबकि उसने पैदा किया है तुम्हें विभिन्न प्रकार[1] से।
Surah Nooh, Verse 14
أَلَمۡ تَرَوۡاْ كَيۡفَ خَلَقَ ٱللَّهُ سَبۡعَ سَمَٰوَٰتٖ طِبَاقٗا
क्या तुमने नहीं देखा कि कैसे पैदा किये हैं अल्लाह ने सात आकाश, ऊपर-तले
Surah Nooh, Verse 15
وَجَعَلَ ٱلۡقَمَرَ فِيهِنَّ نُورٗا وَجَعَلَ ٱلشَّمۡسَ سِرَاجٗا
और बनाया है चन्द्रमा को उनमें प्रकाश और बनाया है सूर्य को प्रदीप।
Surah Nooh, Verse 16
وَٱللَّهُ أَنۢبَتَكُم مِّنَ ٱلۡأَرۡضِ نَبَاتٗا
और अल्लाह ही ने उगाया है तुम्हें धरती[1] से अद्भुत रूप से।
Surah Nooh, Verse 17
ثُمَّ يُعِيدُكُمۡ فِيهَا وَيُخۡرِجُكُمۡ إِخۡرَاجٗا
फिर वह वापस ले जायेगा तुम्हें उसमें और निकालेगा तुम्हें उससे।
Surah Nooh, Verse 18
وَٱللَّهُ جَعَلَ لَكُمُ ٱلۡأَرۡضَ بِسَاطٗا
और अल्लाह ने बनाया है तुम्हारे लिए धरती को बिस्तर।
Surah Nooh, Verse 19
لِّتَسۡلُكُواْ مِنۡهَا سُبُلٗا فِجَاجٗا
ताकि तुम चलो उसकी खुली राहों में।
Surah Nooh, Verse 20
قَالَ نُوحٞ رَّبِّ إِنَّهُمۡ عَصَوۡنِي وَٱتَّبَعُواْ مَن لَّمۡ يَزِدۡهُ مَالُهُۥ وَوَلَدُهُۥٓ إِلَّا خَسَارٗا
नूह ने निवेदन कियाः मेरे पालनहार! उन्होंने मेरी अवज्ञा की और अनुसरण किया उसका[1] जिसके धन और संतान ने उसकी क्षति ही को बढ़ाया।
Surah Nooh, Verse 21
وَمَكَرُواْ مَكۡرٗا كُبَّارٗا
और उन्होंने बड़ी चाल चली।
Surah Nooh, Verse 22
وَقَالُواْ لَا تَذَرُنَّ ءَالِهَتَكُمۡ وَلَا تَذَرُنَّ وَدّٗا وَلَا سُوَاعٗا وَلَا يَغُوثَ وَيَعُوقَ وَنَسۡرٗا
और उन्होंने कहाः तुम कदापि न छोड़ना अपने पूज्यों को और कदापि न छोड़ना वद्द को, न सुवाअ को और न यग़ूस को और न यऊक़ को तथा न नस्र[1] को।
Surah Nooh, Verse 23
وَقَدۡ أَضَلُّواْ كَثِيرٗاۖ وَلَا تَزِدِ ٱلظَّـٰلِمِينَ إِلَّا ضَلَٰلٗا
और कुपथ (गुमराह) कर दिया है उन्होंने बहुतों को और अधिक कर दे तू भी अत्याचारियों के कुपथ[1] (कुमार्ग) को।
Surah Nooh, Verse 24
مِّمَّا خَطِيٓـَٰٔتِهِمۡ أُغۡرِقُواْ فَأُدۡخِلُواْ نَارٗا فَلَمۡ يَجِدُواْ لَهُم مِّن دُونِ ٱللَّهِ أَنصَارٗا
वे अपने पापों के कारण डुबो दिये गये, फिर पहुँचा दिये गये नरक में और नहीं पाया उन्होंने अपने लिए अल्लाह के मुक़ाबले में कोई सहायक।
Surah Nooh, Verse 25
وَقَالَ نُوحٞ رَّبِّ لَا تَذَرۡ عَلَى ٱلۡأَرۡضِ مِنَ ٱلۡكَٰفِرِينَ دَيَّارًا
तथा कहा नूह़ नेः मेरे पालनहार! न छोड़ धरती पर काफ़िरों का कोई घराना।
Surah Nooh, Verse 26
إِنَّكَ إِن تَذَرۡهُمۡ يُضِلُّواْ عِبَادَكَ وَلَا يَلِدُوٓاْ إِلَّا فَاجِرٗا كَفَّارٗا
क्योंकि यदि तू उन्हें छोड़ेगा, तो वे कुपथ करेंगे तेरे भक्तों को और नहीं जन्म देंगे, परन्तु दुष्कर्मी, बड़े काफ़िर को।
Surah Nooh, Verse 27
رَّبِّ ٱغۡفِرۡ لِي وَلِوَٰلِدَيَّ وَلِمَن دَخَلَ بَيۡتِيَ مُؤۡمِنٗا وَلِلۡمُؤۡمِنِينَ وَٱلۡمُؤۡمِنَٰتِۖ وَلَا تَزِدِ ٱلظَّـٰلِمِينَ إِلَّا تَبَارَۢا
मेर पालनहार! क्षमा कर दे मुझे तथा मेरे माता-पिता को और उसे, जो प्रवेश करे मेरे घर में ईमान लाकर तथा ईमान वालों और ईमान वालियों को तथा काफ़िरों के विनाश ही को अधिक कर।
Surah Nooh, Verse 28