وَٱتَّقُواْ فِتۡنَةٗ لَّا تُصِيبَنَّ ٱلَّذِينَ ظَلَمُواْ مِنكُمۡ خَآصَّةٗۖ وَٱعۡلَمُوٓاْ أَنَّ ٱللَّهَ شَدِيدُ ٱلۡعِقَابِ
तथा उस आपदा से डरो, जो तुममें से अत्याचारियों पर ही विशेष रूप से नहीं आयेगी और विश्वास रखो[1] कि अल्लाह कड़ी यातना देने वाला है।
Author: Maulana Azizul Haque Al Umari