وَمَا كَانَ ٱللَّهُ لِيُعَذِّبَهُمۡ وَأَنتَ فِيهِمۡۚ وَمَا كَانَ ٱللَّهُ مُعَذِّبَهُمۡ وَهُمۡ يَسۡتَغۡفِرُونَ
हालॉकि जब तक तुम उनके दरमियान मौजूद हो ख़ुदा उन पर अज़ाब नहीं करेगा और अल्लाह ऐसा भी नही कि लोग तो उससे अपने गुनाहो की माफी माँग रहे हैं और ख़ुदा उन पर नाज़िल फरमाए
Author: Suhel Farooq Khan And Saifur Rahman Nadwi