وَلَا تَقۡتُلُوٓاْ أَوۡلَٰدَكُمۡ خَشۡيَةَ إِمۡلَٰقٖۖ نَّحۡنُ نَرۡزُقُهُمۡ وَإِيَّاكُمۡۚ إِنَّ قَتۡلَهُمۡ كَانَ خِطۡـٔٗا كَبِيرٗا
और निर्धनता के भय से अपनी सन्तान की हत्या न करो, हम उन्हें भी रोज़ी देंगे और तुम्हें भी। वास्तव में उनकी हत्या बहुत ही बड़ा अपराध है
Author: Muhammad Farooq Khan And Muhammad Ahmed