Surah Al-Isra Verse 33 - Hindi Translation by Muhammad Farooq Khan And Muhammad Ahmed
Surah Al-Israوَلَا تَقۡتُلُواْ ٱلنَّفۡسَ ٱلَّتِي حَرَّمَ ٱللَّهُ إِلَّا بِٱلۡحَقِّۗ وَمَن قُتِلَ مَظۡلُومٗا فَقَدۡ جَعَلۡنَا لِوَلِيِّهِۦ سُلۡطَٰنٗا فَلَا يُسۡرِف فِّي ٱلۡقَتۡلِۖ إِنَّهُۥ كَانَ مَنصُورٗا
किसी जीव की हत्या न करो, जिसे (मारना) अल्लाह ने हराम ठहराया है। यह और बात है कि हक़ (न्याय) का तक़ाज़ा यही हो। और जिसकी अन्यायपूर्वक हत्या की गई हो, उसके उत्तराधिकारी को हमने अधिकार दिया है (कि वह हत्यारे से बदला ले सकता है), किन्तु वह हत्या के विषय में सीमा का उल्लंघन न करे। निश्चय ही उसकी सहायता की जाएगी