UAE Prayer Times

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Surah Maryam - Hindi Translation by Muhammad Farooq Khan And Muhammad Ahmed


كٓهيعٓصٓ

काफ॰ हा॰ या॰ ऐन॰ साद॰
Surah Maryam, Verse 1


ذِكۡرُ رَحۡمَتِ رَبِّكَ عَبۡدَهُۥ زَكَرِيَّآ

वर्णन है तेरे रब की दयालुता का, जो उसने अपने बन्दे ज़करीया पर दर्शाई
Surah Maryam, Verse 2


إِذۡ نَادَىٰ رَبَّهُۥ نِدَآءً خَفِيّٗا

जबकि उसने अपने रब को चुपके से पुकारा
Surah Maryam, Verse 3


قَالَ رَبِّ إِنِّي وَهَنَ ٱلۡعَظۡمُ مِنِّي وَٱشۡتَعَلَ ٱلرَّأۡسُ شَيۡبٗا وَلَمۡ أَكُنۢ بِدُعَآئِكَ رَبِّ شَقِيّٗا

उसने कहा, "मेरे रब! मेरी हड्डियाँ कमज़ोर हो गई और सिर बुढापे से भड़क उठा। और मेरे रब! तुझे पुकारकर मैं कभी बेनसीब नहीं रहा
Surah Maryam, Verse 4


وَإِنِّي خِفۡتُ ٱلۡمَوَٰلِيَ مِن وَرَآءِي وَكَانَتِ ٱمۡرَأَتِي عَاقِرٗا فَهَبۡ لِي مِن لَّدُنكَ وَلِيّٗا

मुझे अपने पीछे अपने भाई-बन्धुओं की ओर से भय है और मेरी पत्नी बाँझ है। अतः तू मुझे अपने पास से एक उत्ताराधिकारी प्रदान कर
Surah Maryam, Verse 5


يَرِثُنِي وَيَرِثُ مِنۡ ءَالِ يَعۡقُوبَۖ وَٱجۡعَلۡهُ رَبِّ رَضِيّٗا

जो मेरा भी उत्तराधिकारी हो और याक़ूब के वशंज का भी उत्तराधिकारी हो। और उसे मेरे रब! वांछनीय बना।
Surah Maryam, Verse 6


يَٰزَكَرِيَّآ إِنَّا نُبَشِّرُكَ بِغُلَٰمٍ ٱسۡمُهُۥ يَحۡيَىٰ لَمۡ نَجۡعَل لَّهُۥ مِن قَبۡلُ سَمِيّٗا

(उत्तर मिला,) "ऐ ज़करीया! हम तुझे एक लड़के की शुभ सूचना देते है, जिसका नाम यह्यार होगा। हमने उससे पहले किसी को उसके जैसा नहीं बनाया।
Surah Maryam, Verse 7


قَالَ رَبِّ أَنَّىٰ يَكُونُ لِي غُلَٰمٞ وَكَانَتِ ٱمۡرَأَتِي عَاقِرٗا وَقَدۡ بَلَغۡتُ مِنَ ٱلۡكِبَرِ عِتِيّٗا

उसने कहा, "मेरे रब! मेरे लड़का कहाँ से होगा, जबकि मेरी पत्नी बाँझ है और मैं बुढ़ापे की अन्तिम अवस्था को पहुँच चुका हूँ
Surah Maryam, Verse 8


قَالَ كَذَٰلِكَ قَالَ رَبُّكَ هُوَ عَلَيَّ هَيِّنٞ وَقَدۡ خَلَقۡتُكَ مِن قَبۡلُ وَلَمۡ تَكُ شَيۡـٔٗا

कहा, "ऐसा ही होगा। तेरे रब ने कहा कि यह मेरे लिए सरल है। इससे पहले मैं तुझे पैदा कर चुका हूँ, जबकि तू कुछ भी न था।
Surah Maryam, Verse 9


قَالَ رَبِّ ٱجۡعَل لِّيٓ ءَايَةٗۖ قَالَ ءَايَتُكَ أَلَّا تُكَلِّمَ ٱلنَّاسَ ثَلَٰثَ لَيَالٖ سَوِيّٗا

उसने कहा, "मेरे रब! मेरे लिए कोई निशानी निश्चित कर दे।" कहा, "तेरी निशानी यह है कि तू भला-चंगा रहकर भी तीन रात (और दिन) लोगों से बात न करे।
Surah Maryam, Verse 10


فَخَرَجَ عَلَىٰ قَوۡمِهِۦ مِنَ ٱلۡمِحۡرَابِ فَأَوۡحَىٰٓ إِلَيۡهِمۡ أَن سَبِّحُواْ بُكۡرَةٗ وَعَشِيّٗا

अतः वह मेहराब से निकलकर अपने लोगों के पास आया और उनसे संकेतों में कहा, "प्रातः काल और सन्ध्या समय तसबीह करते रहो।
Surah Maryam, Verse 11


يَٰيَحۡيَىٰ خُذِ ٱلۡكِتَٰبَ بِقُوَّةٖۖ وَءَاتَيۡنَٰهُ ٱلۡحُكۡمَ صَبِيّٗا

ऐ यह्याऔ! किताब को मज़बूत थाम ले।" हमने उसे बचपन ही में निर्णय-शक्ति प्रदान की
Surah Maryam, Verse 12


وَحَنَانٗا مِّن لَّدُنَّا وَزَكَوٰةٗۖ وَكَانَ تَقِيّٗا

और अपने पास से नरमी और शौक़ और आत्मविश्वास। और वह बड़ा डरनेवाला था
Surah Maryam, Verse 13


وَبَرَّۢا بِوَٰلِدَيۡهِ وَلَمۡ يَكُن جَبَّارًا عَصِيّٗا

और अपने माँ-बाप का हक़ पहचानेवाला था। और वह सरकश अवज्ञाकारी न था
Surah Maryam, Verse 14


وَسَلَٰمٌ عَلَيۡهِ يَوۡمَ وُلِدَ وَيَوۡمَ يَمُوتُ وَيَوۡمَ يُبۡعَثُ حَيّٗا

सलाम उस पर, जिस दिन वह पैदा हुआ और जिस दिन उसकी मृत्यु हो और जिस दिन वह जीवित करके उठाया जाए
Surah Maryam, Verse 15


وَٱذۡكُرۡ فِي ٱلۡكِتَٰبِ مَرۡيَمَ إِذِ ٱنتَبَذَتۡ مِنۡ أَهۡلِهَا مَكَانٗا شَرۡقِيّٗا

और इस किताब में मरयम की चर्चा करो, जबकि वह अपने घरवालों से अलग होकर एक पूर्वी स्थान पर चली गई
Surah Maryam, Verse 16


فَٱتَّخَذَتۡ مِن دُونِهِمۡ حِجَابٗا فَأَرۡسَلۡنَآ إِلَيۡهَا رُوحَنَا فَتَمَثَّلَ لَهَا بَشَرٗا سَوِيّٗا

फिर उसने उनसे परदा कर लिया। तब हमने उसके पास अपनी रूह (फ़रिश्तेप) को भेजा और वह उसके सामने एक पूर्ण मनुष्य के रूप में प्रकट हुआ
Surah Maryam, Verse 17


قَالَتۡ إِنِّيٓ أَعُوذُ بِٱلرَّحۡمَٰنِ مِنكَ إِن كُنتَ تَقِيّٗا

वह बोल उठी, "मैं तुझसे बचने के लिए रहमान की पनाह माँगती हूँ; यदि तू (अल्लाह का) डर रखनेवाला है (तो यहाँ से हट जाएगा) ।
Surah Maryam, Verse 18


قَالَ إِنَّمَآ أَنَا۠ رَسُولُ رَبِّكِ لِأَهَبَ لَكِ غُلَٰمٗا زَكِيّٗا

उसने कहा, "मैं तो केवल तेरे रब का भेजा हुआ हूँ, ताकि तुझे नेकी और भलाई से बढ़ा हुआ लड़का दूँ।
Surah Maryam, Verse 19


قَالَتۡ أَنَّىٰ يَكُونُ لِي غُلَٰمٞ وَلَمۡ يَمۡسَسۡنِي بَشَرٞ وَلَمۡ أَكُ بَغِيّٗا

वह बोली, "मेरे कहाँ से लड़का होगा, जबकि मुझे किसी आदमी ने छुआ तक नही और न मैं कोई बदचलन हूँ
Surah Maryam, Verse 20


قَالَ كَذَٰلِكِ قَالَ رَبُّكِ هُوَ عَلَيَّ هَيِّنٞۖ وَلِنَجۡعَلَهُۥٓ ءَايَةٗ لِّلنَّاسِ وَرَحۡمَةٗ مِّنَّاۚ وَكَانَ أَمۡرٗا مَّقۡضِيّٗا

उसने कहा, "ऐसा ही होगा। रब ने कहा है कि यह मेरे लिए सहज है। और ऐसा इसलिए होगा (ताकि हम तुझे) और ताकि हम उसे लोगों के लिए एक निशानी बनाएँ और अपनी ओर से एक दयालुता। यह तो ऐसी बात है जिसका निर्णय हो चुका है।
Surah Maryam, Verse 21


۞فَحَمَلَتۡهُ فَٱنتَبَذَتۡ بِهِۦ مَكَانٗا قَصِيّٗا

फिर उसे उस (बच्चे) का गर्भ रह गया और वह उसे लिए हुए एक दूर के स्थान पर अलग चली गई।
Surah Maryam, Verse 22


فَأَجَآءَهَا ٱلۡمَخَاضُ إِلَىٰ جِذۡعِ ٱلنَّخۡلَةِ قَالَتۡ يَٰلَيۡتَنِي مِتُّ قَبۡلَ هَٰذَا وَكُنتُ نَسۡيٗا مَّنسِيّٗا

अन्ततः प्रसव पीड़ा उसे एक खजूर के तने के पास ले आई। वह कहने लगी, "क्या ही अच्छा होता कि मैं इससे पहले ही मर जाती और भूली-बिसरी हो गई होती
Surah Maryam, Verse 23


فَنَادَىٰهَا مِن تَحۡتِهَآ أَلَّا تَحۡزَنِي قَدۡ جَعَلَ رَبُّكِ تَحۡتَكِ سَرِيّٗا

उस समय उसे उसके नीचे से पुकारा, "शोकाकुल न हो। तेरे रब ने तेरे नीचे एक स्रोत प्रवाहित कर रखा है।
Surah Maryam, Verse 24


وَهُزِّيٓ إِلَيۡكِ بِجِذۡعِ ٱلنَّخۡلَةِ تُسَٰقِطۡ عَلَيۡكِ رُطَبٗا جَنِيّٗا

तू खजूर के उस वृक्ष के तने को पकड़कर अपनी ओर हिला। तेरे ऊपर ताज़ा पकी-पकी खजूरें टपक पड़ेगी
Surah Maryam, Verse 25


فَكُلِي وَٱشۡرَبِي وَقَرِّي عَيۡنٗاۖ فَإِمَّا تَرَيِنَّ مِنَ ٱلۡبَشَرِ أَحَدٗا فَقُولِيٓ إِنِّي نَذَرۡتُ لِلرَّحۡمَٰنِ صَوۡمٗا فَلَنۡ أُكَلِّمَ ٱلۡيَوۡمَ إِنسِيّٗا

अतः तू उसे खा और पी और आँखें ठंडी कर। फिर यदि तू किसी आदमी को देखे तो कह देना, मैंने तो रहमान के लिए रोज़े की मन्नत मानी है। इसलिए मैं आज किसी मनुष्य से न बोलूँगी।
Surah Maryam, Verse 26


فَأَتَتۡ بِهِۦ قَوۡمَهَا تَحۡمِلُهُۥۖ قَالُواْ يَٰمَرۡيَمُ لَقَدۡ جِئۡتِ شَيۡـٔٗا فَرِيّٗا

फिर वह उस बच्चे को लिए हुए अपनी क़ौम के लोगों के पास आई। वे बोले, "ऐ मरयम, तूने तो बड़ा ही आश्चर्य का काम कर डाला
Surah Maryam, Verse 27


يَـٰٓأُخۡتَ هَٰرُونَ مَا كَانَ أَبُوكِ ٱمۡرَأَ سَوۡءٖ وَمَا كَانَتۡ أُمُّكِ بَغِيّٗا

हे हारून की बहन! न तो तेरा बाप ही कोई बुरा आदमी था और न तेरी माँ ही बदचलन थी।
Surah Maryam, Verse 28


فَأَشَارَتۡ إِلَيۡهِۖ قَالُواْ كَيۡفَ نُكَلِّمُ مَن كَانَ فِي ٱلۡمَهۡدِ صَبِيّٗا

तब उसने उस (बच्चे) की ओर संकेत किया। वे कहने लगे, "हम उससे कैसे बात करें जो पालने में पड़ा हुआ एक बच्चा है
Surah Maryam, Verse 29


قَالَ إِنِّي عَبۡدُ ٱللَّهِ ءَاتَىٰنِيَ ٱلۡكِتَٰبَ وَجَعَلَنِي نَبِيّٗا

उसने कहा, "मैं अल्लाह का बन्दा हूँ। उसने मुझे किताब दी और मुझे नबी बनाया
Surah Maryam, Verse 30


وَجَعَلَنِي مُبَارَكًا أَيۡنَ مَا كُنتُ وَأَوۡصَٰنِي بِٱلصَّلَوٰةِ وَٱلزَّكَوٰةِ مَا دُمۡتُ حَيّٗا

और मुझे बरकतवाला किया जहाँ भी मैं रहूँ, और मुझे नमाज़ और ज़कात की ताकीद की, जब तक कि मैं जीवित रहूँ
Surah Maryam, Verse 31


وَبَرَّۢا بِوَٰلِدَتِي وَلَمۡ يَجۡعَلۡنِي جَبَّارٗا شَقِيّٗا

और अपनी माँ का हक़ अदा करनेवाला बनाया। और उसने मुझे सरकश और बेनसीब नहीं बनाया
Surah Maryam, Verse 32


وَٱلسَّلَٰمُ عَلَيَّ يَوۡمَ وُلِدتُّ وَيَوۡمَ أَمُوتُ وَيَوۡمَ أُبۡعَثُ حَيّٗا

सलाम है मुझपर जिस दिन कि मैं पैदा हुआ और जिस दिन कि मैं मरूँ और जिस दिन कि जीवित करके उठाया जाऊँ
Surah Maryam, Verse 33


ذَٰلِكَ عِيسَى ٱبۡنُ مَرۡيَمَۖ قَوۡلَ ٱلۡحَقِّ ٱلَّذِي فِيهِ يَمۡتَرُونَ

सच्ची और पक्की बात की स्पष्ट से यह है कि मरयम का बेटा ईसा, जिसके विषय में वे सन्देह में पड़े हुए है
Surah Maryam, Verse 34


مَا كَانَ لِلَّهِ أَن يَتَّخِذَ مِن وَلَدٖۖ سُبۡحَٰنَهُۥٓۚ إِذَا قَضَىٰٓ أَمۡرٗا فَإِنَّمَا يَقُولُ لَهُۥ كُن فَيَكُونُ

अल्लाह ऐसा नहीं कि वह किसी को अपना बेटा बनाए। महान और उच्च है, वह! जब वह किसी चीज़ का फ़ैसला करता है तो बस उसे कह देता है, "हो जा!" तो वह हो जाती है।
Surah Maryam, Verse 35


وَإِنَّ ٱللَّهَ رَبِّي وَرَبُّكُمۡ فَٱعۡبُدُوهُۚ هَٰذَا صِرَٰطٞ مُّسۡتَقِيمٞ

और निस्संदेह अल्लाह मेरा रब भी है और तुम्हारा रब भी। अतः तुम उसी की बन्दगी करो यही सीधा मार्ग है।
Surah Maryam, Verse 36


فَٱخۡتَلَفَ ٱلۡأَحۡزَابُ مِنۢ بَيۡنِهِمۡۖ فَوَيۡلٞ لِّلَّذِينَ كَفَرُواْ مِن مَّشۡهَدِ يَوۡمٍ عَظِيمٍ

किन्तु उनमें कितने ही गिरोहों ने पारस्परिक वैमनस्य के कारण विभेद किया, तो जिन लोगों ने इनकार किया उनके लिए बड़ी तबाही है एक बड़े दिन की उपस्थिति से
Surah Maryam, Verse 37


أَسۡمِعۡ بِهِمۡ وَأَبۡصِرۡ يَوۡمَ يَأۡتُونَنَا لَٰكِنِ ٱلظَّـٰلِمُونَ ٱلۡيَوۡمَ فِي ضَلَٰلٖ مُّبِينٖ

भली-भाँति सुननेवाले और भली-भाँति देखनेवाले होंगे, जिस दिन वे हमारे समाने आएँगे! किन्तु आज ये ज़ालिम खुली गुमराही में पड़े हुए है
Surah Maryam, Verse 38


وَأَنذِرۡهُمۡ يَوۡمَ ٱلۡحَسۡرَةِ إِذۡ قُضِيَ ٱلۡأَمۡرُ وَهُمۡ فِي غَفۡلَةٖ وَهُمۡ لَا يُؤۡمِنُونَ

उन्हें पश्चाताप के दिन से डराओ, जबकि मामले का फ़ैसला कर दिया जाएगा, और उनका हाल यह है कि वे ग़फ़लत में पड़े हुए है और वे ईमान नहीं ला रहे है
Surah Maryam, Verse 39


إِنَّا نَحۡنُ نَرِثُ ٱلۡأَرۡضَ وَمَنۡ عَلَيۡهَا وَإِلَيۡنَا يُرۡجَعُونَ

धरती और जो भी उसके ऊपर है उसके वारिस हम ही रह जाएँगे और हमारी ही ओर उन्हें लौटना होगा
Surah Maryam, Verse 40


وَٱذۡكُرۡ فِي ٱلۡكِتَٰبِ إِبۡرَٰهِيمَۚ إِنَّهُۥ كَانَ صِدِّيقٗا نَّبِيًّا

और इस किताब में इबराहीम की चर्चा करो। निस्संदेह वह एक सत्यवान नबी था
Surah Maryam, Verse 41


إِذۡ قَالَ لِأَبِيهِ يَـٰٓأَبَتِ لِمَ تَعۡبُدُ مَا لَا يَسۡمَعُ وَلَا يُبۡصِرُ وَلَا يُغۡنِي عَنكَ شَيۡـٔٗا

जबकि उसने अपने बाप से कहा, "ऐ मेरे बाप! आप उस चीज़ को क्यों पूजते हो, जो न सुने और न देखे और न आपके कुछ काम आए
Surah Maryam, Verse 42


يَـٰٓأَبَتِ إِنِّي قَدۡ جَآءَنِي مِنَ ٱلۡعِلۡمِ مَا لَمۡ يَأۡتِكَ فَٱتَّبِعۡنِيٓ أَهۡدِكَ صِرَٰطٗا سَوِيّٗا

ऐ मेरे बाप! मेरे पास ज्ञान आ गया है जो आपके पास नहीं आया। अतः आप मेरा अनुसरण करें, मैं आपको सीधा मार्ग दिखाऊँगा
Surah Maryam, Verse 43


يَـٰٓأَبَتِ لَا تَعۡبُدِ ٱلشَّيۡطَٰنَۖ إِنَّ ٱلشَّيۡطَٰنَ كَانَ لِلرَّحۡمَٰنِ عَصِيّٗا

ऐ मेरे बाप! शैतान की बन्दगी न कीजिए। शैतान तो रहमान का अवज्ञाकारी है
Surah Maryam, Verse 44


يَـٰٓأَبَتِ إِنِّيٓ أَخَافُ أَن يَمَسَّكَ عَذَابٞ مِّنَ ٱلرَّحۡمَٰنِ فَتَكُونَ لِلشَّيۡطَٰنِ وَلِيّٗا

ऐ मेरे बाप! मैं डरता हूँ कि कहीं आपको रहमान की कोई यातना न आ पकड़े और आप शैतान के साथी होकर रह जाएँ।
Surah Maryam, Verse 45


قَالَ أَرَاغِبٌ أَنتَ عَنۡ ءَالِهَتِي يَـٰٓإِبۡرَٰهِيمُۖ لَئِن لَّمۡ تَنتَهِ لَأَرۡجُمَنَّكَۖ وَٱهۡجُرۡنِي مَلِيّٗا

उसने कहा, "ऐ इबराहीम! क्या तू मेरे उपास्यों से फिर गया है? यदि तू बाज़ न आया तो मैं तुझपर पथराव कर दूँगा। तू अलग हो जा मुझसे मुद्दत के लिए
Surah Maryam, Verse 46


قَالَ سَلَٰمٌ عَلَيۡكَۖ سَأَسۡتَغۡفِرُ لَكَ رَبِّيٓۖ إِنَّهُۥ كَانَ بِي حَفِيّٗا

कहा, "सलाम है आपको! मैं आपके लिए रब से क्षमा की प्रार्थना करूँगा। वह तो मुझपर बहुत मेहरबान है
Surah Maryam, Verse 47


وَأَعۡتَزِلُكُمۡ وَمَا تَدۡعُونَ مِن دُونِ ٱللَّهِ وَأَدۡعُواْ رَبِّي عَسَىٰٓ أَلَّآ أَكُونَ بِدُعَآءِ رَبِّي شَقِيّٗا

मैं आप लोगों को छोड़ता हूँ और उनको भी जिन्हें अल्लाह से हटकर आप लोग पुकारा करते है। मैं तो अपने रब को पुकारूँगा। आशा है कि मैं अपने रब को पुकारकर बेनसीब नहीं रहूँगा।
Surah Maryam, Verse 48


فَلَمَّا ٱعۡتَزَلَهُمۡ وَمَا يَعۡبُدُونَ مِن دُونِ ٱللَّهِ وَهَبۡنَا لَهُۥٓ إِسۡحَٰقَ وَيَعۡقُوبَۖ وَكُلّٗا جَعَلۡنَا نَبِيّٗا

फिर जब वह उन लोगों से और जिन्हें वे अल्लाह के सिवा पूजते थे उनसे अलग हो गया, तो हमने उसे इसहाक़ और याक़ूब प्रदान किए और हर एक को हमने नबी बनाया
Surah Maryam, Verse 49


وَوَهَبۡنَا لَهُم مِّن رَّحۡمَتِنَا وَجَعَلۡنَا لَهُمۡ لِسَانَ صِدۡقٍ عَلِيّٗا

और उन्हें अपनी दयालुता से हिस्सा दिया। और उन्हें एक सच्ची उच्च ख्याति प्रदान की
Surah Maryam, Verse 50


وَٱذۡكُرۡ فِي ٱلۡكِتَٰبِ مُوسَىٰٓۚ إِنَّهُۥ كَانَ مُخۡلَصٗا وَكَانَ رَسُولٗا نَّبِيّٗا

और इस किताब में मूसा की चर्चा करो। निस्संदेह वह चुना हुआ था और एक रसूल, नबी था
Surah Maryam, Verse 51


وَنَٰدَيۡنَٰهُ مِن جَانِبِ ٱلطُّورِ ٱلۡأَيۡمَنِ وَقَرَّبۡنَٰهُ نَجِيّٗا

हमने उसे 'तूर' के मुबारक छोर से पुकारा और रहस्य की बातें करने के लिए हमने उसे समीप किया
Surah Maryam, Verse 52


وَوَهَبۡنَا لَهُۥ مِن رَّحۡمَتِنَآ أَخَاهُ هَٰرُونَ نَبِيّٗا

और अपनी दयालुता से अपने भाई हारून को नबी बनाकर उसे दिया
Surah Maryam, Verse 53


وَٱذۡكُرۡ فِي ٱلۡكِتَٰبِ إِسۡمَٰعِيلَۚ إِنَّهُۥ كَانَ صَادِقَ ٱلۡوَعۡدِ وَكَانَ رَسُولٗا نَّبِيّٗا

और इस किताब में इसमाईल की चर्चा करो। निस्संदेह वह वादे का सच्च, नबी था
Surah Maryam, Verse 54


وَكَانَ يَأۡمُرُ أَهۡلَهُۥ بِٱلصَّلَوٰةِ وَٱلزَّكَوٰةِ وَكَانَ عِندَ رَبِّهِۦ مَرۡضِيّٗا

और अपने लोगों को नमाज़ और ज़कात का हुक्म देता था। और वह अपने रब के यहाँ प्रीतिकर व्यक्ति था
Surah Maryam, Verse 55


وَٱذۡكُرۡ فِي ٱلۡكِتَٰبِ إِدۡرِيسَۚ إِنَّهُۥ كَانَ صِدِّيقٗا نَّبِيّٗا

और इस किताब में इदरीस की भी चर्चा करो। वह अत्यन्त सत्यवान, एक नबी था
Surah Maryam, Verse 56


وَرَفَعۡنَٰهُ مَكَانًا عَلِيًّا

हमने उसे उच्च स्थान पर उठाया था
Surah Maryam, Verse 57


أُوْلَـٰٓئِكَ ٱلَّذِينَ أَنۡعَمَ ٱللَّهُ عَلَيۡهِم مِّنَ ٱلنَّبِيِّـۧنَ مِن ذُرِّيَّةِ ءَادَمَ وَمِمَّنۡ حَمَلۡنَا مَعَ نُوحٖ وَمِن ذُرِّيَّةِ إِبۡرَٰهِيمَ وَإِسۡرَـٰٓءِيلَ وَمِمَّنۡ هَدَيۡنَا وَٱجۡتَبَيۡنَآۚ إِذَا تُتۡلَىٰ عَلَيۡهِمۡ ءَايَٰتُ ٱلرَّحۡمَٰنِ خَرُّواْۤ سُجَّدٗاۤ وَبُكِيّٗا۩

ये वे पैग़म्बर है जो अल्लाह के कृपापात्र हुए, आदम की सन्तान में से और उन लोगों के वंशज में से जिनको हमने नूह के साथ सवार किया, और इबराहीम और इसराईल के वंशज में से और उनमें से जिनको हमने सीधा मार्ग दिखाया और चुन लिया। जब उन्हें रहमान की आयतें सुनाई जातीं तो वे सजदा करते और रोते हुए गिर पड़ते थे
Surah Maryam, Verse 58


۞فَخَلَفَ مِنۢ بَعۡدِهِمۡ خَلۡفٌ أَضَاعُواْ ٱلصَّلَوٰةَ وَٱتَّبَعُواْ ٱلشَّهَوَٰتِۖ فَسَوۡفَ يَلۡقَوۡنَ غَيًّا

फिर उनके पश्चात ऐसे बुरे लोग उनके उत्तराधिकारी हुए, जिन्होंने नमाज़ को गँवाया और मन की इच्छाओं के पीछे पड़े। अतः जल्द ही वे गुमराही (के परिणाम) से दोचार होंगा
Surah Maryam, Verse 59


إِلَّا مَن تَابَ وَءَامَنَ وَعَمِلَ صَٰلِحٗا فَأُوْلَـٰٓئِكَ يَدۡخُلُونَ ٱلۡجَنَّةَ وَلَا يُظۡلَمُونَ شَيۡـٔٗا

किन्तु जो तौबा करे और ईमान लाए और अच्छा कर्म करे, तो ऐसे लोग जन्नत में प्रवेश करेंगे। उनपर कुछ भी ज़ुल्म न होगा।
Surah Maryam, Verse 60


جَنَّـٰتِ عَدۡنٍ ٱلَّتِي وَعَدَ ٱلرَّحۡمَٰنُ عِبَادَهُۥ بِٱلۡغَيۡبِۚ إِنَّهُۥ كَانَ وَعۡدُهُۥ مَأۡتِيّٗا

अदन (रहने) के बाग़ जिनका रहमान ने अपने बन्दों से परोक्ष में होते हुए वादा किया है। निश्चय ही उसके वादे पर उपस्थित हाना है।
Surah Maryam, Verse 61


لَّا يَسۡمَعُونَ فِيهَا لَغۡوًا إِلَّا سَلَٰمٗاۖ وَلَهُمۡ رِزۡقُهُمۡ فِيهَا بُكۡرَةٗ وَعَشِيّٗا

वहाँ वे 'सलाम' के सिवा कोई व्यर्थ बात नहीं सुनेंगे। उनकी रोज़ी उन्हें वहाँ प्रातः और सन्ध्या समय प्राप्त होती रहेगी
Surah Maryam, Verse 62


تِلۡكَ ٱلۡجَنَّةُ ٱلَّتِي نُورِثُ مِنۡ عِبَادِنَا مَن كَانَ تَقِيّٗا

यह है वह जन्नत जिसका वारिस हम अपने बन्दों में से हर उस व्यक्ति को बनाएँगे, जो डर रखनेवाला हो
Surah Maryam, Verse 63


وَمَا نَتَنَزَّلُ إِلَّا بِأَمۡرِ رَبِّكَۖ لَهُۥ مَا بَيۡنَ أَيۡدِينَا وَمَا خَلۡفَنَا وَمَا بَيۡنَ ذَٰلِكَۚ وَمَا كَانَ رَبُّكَ نَسِيّٗا

हम तुम्हारे रब की आज्ञा के बिना नहीं उतरते। जो कुछ हमारे आगे है और जो कुछ हमारे पीछे है और जो कुछ इसके मध्य है सब उसी का है, और तुम्हारा रब भूलनेवाला नहीं है
Surah Maryam, Verse 64


رَّبُّ ٱلسَّمَٰوَٰتِ وَٱلۡأَرۡضِ وَمَا بَيۡنَهُمَا فَٱعۡبُدۡهُ وَٱصۡطَبِرۡ لِعِبَٰدَتِهِۦۚ هَلۡ تَعۡلَمُ لَهُۥ سَمِيّٗا

आकाशों और धरती का रब है और उसका भी जो इन दोनों के मध्य है। अतः तुम उसी की बन्दगी पर जमे रहो। क्या तुम्हारे ज्ञान में उस जैसा कोई है
Surah Maryam, Verse 65


وَيَقُولُ ٱلۡإِنسَٰنُ أَءِذَا مَا مِتُّ لَسَوۡفَ أُخۡرَجُ حَيًّا

और मनुष्य कहता है, "क्या जब मैं मर गया तो फिर जीवित करके निकाला जाऊँगा
Surah Maryam, Verse 66


أَوَلَا يَذۡكُرُ ٱلۡإِنسَٰنُ أَنَّا خَلَقۡنَٰهُ مِن قَبۡلُ وَلَمۡ يَكُ شَيۡـٔٗا

क्या मनुष्य याद नहीं करता कि हम उसे इससे पहले पैदा कर चुके है, जबकि वह कुछ भी न था
Surah Maryam, Verse 67


فَوَرَبِّكَ لَنَحۡشُرَنَّهُمۡ وَٱلشَّيَٰطِينَ ثُمَّ لَنُحۡضِرَنَّهُمۡ حَوۡلَ جَهَنَّمَ جِثِيّٗا

अतः तुम्हारे रब की क़सम! हम अवश्य उन्हें और शैतानों को भी इकट्ठा करेंगे। फिर हम उन्हें जहन्नम के चतुर्दिक इस दशा में ला उपस्थित करेंगे कि वे घुटनों के बल झुके होंगे
Surah Maryam, Verse 68


ثُمَّ لَنَنزِعَنَّ مِن كُلِّ شِيعَةٍ أَيُّهُمۡ أَشَدُّ عَلَى ٱلرَّحۡمَٰنِ عِتِيّٗا

फिर प्रत्येक गिरोह में से हम अवश्य ही उसे छाँटकर अलग करेंगे जो उनमें से रहमान (कृपाशील प्रभु) के मुक़ाबले में सबसे बढ़कर सरकश रहा होगा
Surah Maryam, Verse 69


ثُمَّ لَنَحۡنُ أَعۡلَمُ بِٱلَّذِينَ هُمۡ أَوۡلَىٰ بِهَا صِلِيّٗا

फिर हम उन्हें भली-भाँति जानते है जो उसमें झोंके जाने के सर्वाधिक योग्य है
Surah Maryam, Verse 70


وَإِن مِّنكُمۡ إِلَّا وَارِدُهَاۚ كَانَ عَلَىٰ رَبِّكَ حَتۡمٗا مَّقۡضِيّٗا

तुममें से प्रत्येक को उसपर पहुँचना ही है। यह एक निश्चय पाई हुई बात है, जिसे पूरा करना तेरे रब के ज़िम्मे है।
Surah Maryam, Verse 71


ثُمَّ نُنَجِّي ٱلَّذِينَ ٱتَّقَواْ وَّنَذَرُ ٱلظَّـٰلِمِينَ فِيهَا جِثِيّٗا

फिर हम डर रखनेवालों को बचा लेंगे और ज़ालिमों को उसमें घुटनों के बल छोड़ देंगे
Surah Maryam, Verse 72


وَإِذَا تُتۡلَىٰ عَلَيۡهِمۡ ءَايَٰتُنَا بَيِّنَٰتٖ قَالَ ٱلَّذِينَ كَفَرُواْ لِلَّذِينَ ءَامَنُوٓاْ أَيُّ ٱلۡفَرِيقَيۡنِ خَيۡرٞ مَّقَامٗا وَأَحۡسَنُ نَدِيّٗا

जब उन्हें हमारी खुली हुई आयतें सुनाई जाती है तो जिन लोगों ने कुफ़्र किया, वे ईमान लानेवालों से कहते हैं, "दोनों गिरोहों में स्थान की स्पष्ट से कौन उत्तम है और कौन मजलिस की दृष्टि से अधिक अच्छा है
Surah Maryam, Verse 73


وَكَمۡ أَهۡلَكۡنَا قَبۡلَهُم مِّن قَرۡنٍ هُمۡ أَحۡسَنُ أَثَٰثٗا وَرِءۡيٗا

हालाँकि उनसे पहले हम कितनी ही नसलों को विनष्ट कर चुके है जो सामग्री और बाह्य भव्यता में इनसे कहीं अच्छी थीं
Surah Maryam, Verse 74


قُلۡ مَن كَانَ فِي ٱلضَّلَٰلَةِ فَلۡيَمۡدُدۡ لَهُ ٱلرَّحۡمَٰنُ مَدًّاۚ حَتَّىٰٓ إِذَا رَأَوۡاْ مَا يُوعَدُونَ إِمَّا ٱلۡعَذَابَ وَإِمَّا ٱلسَّاعَةَ فَسَيَعۡلَمُونَ مَنۡ هُوَ شَرّٞ مَّكَانٗا وَأَضۡعَفُ جُندٗا

कह दो, "जो गुमराही में पड़ा हुआ है उसके प्रति तो यही चाहिए कि रहमान उसकी रस्सी ख़ूब ढीली छोड़ दे, यहाँ तक कि जब ऐसे लोग उस चीज़ को देख लेंगे जिसका उनसे वादा किया जाता है - चाहे यातना हो या क़ियामत की घड़ी - तो वे उस समय जान लेंगे कि अपने स्थान की स्पष्ट से कौन निकृष्ट और जत्थे की दृष्टि से अधिक कमजोर है।
Surah Maryam, Verse 75


وَيَزِيدُ ٱللَّهُ ٱلَّذِينَ ٱهۡتَدَوۡاْ هُدٗىۗ وَٱلۡبَٰقِيَٰتُ ٱلصَّـٰلِحَٰتُ خَيۡرٌ عِندَ رَبِّكَ ثَوَابٗا وَخَيۡرٞ مَّرَدًّا

और जिन लोगों ने मार्ग पा लिया है, अल्लाह उनके मार्गदर्शन में अभिवृद्धि प्रदान करता है और शेष रहनेवाली नेकियाँ ही तुम्हारे रब के यहाँ बदले और अन्तिम परिणाम की स्पष्ट से उत्तम है
Surah Maryam, Verse 76


أَفَرَءَيۡتَ ٱلَّذِي كَفَرَ بِـَٔايَٰتِنَا وَقَالَ لَأُوتَيَنَّ مَالٗا وَوَلَدًا

फिर क्या तुमने उस व्यक्ति को देखा जिसने हमारी आयतों का इनकार किया और कहा, "मुझे तो अवश्य ही धन और सन्तान मिलने को है
Surah Maryam, Verse 77


أَطَّلَعَ ٱلۡغَيۡبَ أَمِ ٱتَّخَذَ عِندَ ٱلرَّحۡمَٰنِ عَهۡدٗا

क्या उसने परोक्ष को झाँककर देख लिया है, या रहमान से कोई वचन ले रखा है
Surah Maryam, Verse 78


كَلَّاۚ سَنَكۡتُبُ مَا يَقُولُ وَنَمُدُّ لَهُۥ مِنَ ٱلۡعَذَابِ مَدّٗا

कदापि नहीं, हम लिखेंगे जो कुछ वह कहता है और उसके लिए हम यातना को दीर्घ करते चले जाएँगे।
Surah Maryam, Verse 79


وَنَرِثُهُۥ مَا يَقُولُ وَيَأۡتِينَا فَرۡدٗا

औऱ जो कुछ वह बताता है उसके वारिस हम होंगे और वह अकेला ही हमारे पास आएगा
Surah Maryam, Verse 80


وَٱتَّخَذُواْ مِن دُونِ ٱللَّهِ ءَالِهَةٗ لِّيَكُونُواْ لَهُمۡ عِزّٗا

और उन्होंने अल्लाह से इतर अपने कुछ पूज्य-प्रभु बना लिए है, ताकि वे उनके लिए शक्ति का कारण बनें।
Surah Maryam, Verse 81


كَلَّاۚ سَيَكۡفُرُونَ بِعِبَادَتِهِمۡ وَيَكُونُونَ عَلَيۡهِمۡ ضِدًّا

कुछ नहीं, ये उनकी बन्दगी का इनकार करेंगे और उनके विरोधी बन जाएँगे।
Surah Maryam, Verse 82


أَلَمۡ تَرَ أَنَّآ أَرۡسَلۡنَا ٱلشَّيَٰطِينَ عَلَى ٱلۡكَٰفِرِينَ تَؤُزُّهُمۡ أَزّٗا

क्या तुमने देखा नहीं कि हमने शैतानों को छोड़ रखा है, जो इनकार करनेवालों पर नियुक्त है
Surah Maryam, Verse 83


فَلَا تَعۡجَلۡ عَلَيۡهِمۡۖ إِنَّمَا نَعُدُّ لَهُمۡ عَدّٗا

अतः तुम उनके लिए जल्दी न करो। हम तो बस उनके लिए (उनकी बातें) गिन रहे है
Surah Maryam, Verse 84


يَوۡمَ نَحۡشُرُ ٱلۡمُتَّقِينَ إِلَى ٱلرَّحۡمَٰنِ وَفۡدٗا

याद करो जिस दिन हम डर रखनेवालों के सम्मानित गिरोह के रूप में रहमान के पास इकट्ठा करेंगे।
Surah Maryam, Verse 85


وَنَسُوقُ ٱلۡمُجۡرِمِينَ إِلَىٰ جَهَنَّمَ وِرۡدٗا

और अपराधियों को जहन्नम के घाट की ओर प्यासा हाँक ले जाएँगे।
Surah Maryam, Verse 86


لَّا يَمۡلِكُونَ ٱلشَّفَٰعَةَ إِلَّا مَنِ ٱتَّخَذَ عِندَ ٱلرَّحۡمَٰنِ عَهۡدٗا

उन्हें सिफ़ारिश का अधिकार प्राप्त न होगा। सिवाय उसके, जिसने रहमान के यहाँ से अनुमोदन प्राप्त कर लिया हो
Surah Maryam, Verse 87


وَقَالُواْ ٱتَّخَذَ ٱلرَّحۡمَٰنُ وَلَدٗا

वे कहते है, "रहमान ने किसी को अपना बेटा बनाया है।
Surah Maryam, Verse 88


لَّقَدۡ جِئۡتُمۡ شَيۡـًٔا إِدّٗا

अत्यन्त भारी बात है, जो तुम घड़ लाए हो
Surah Maryam, Verse 89


تَكَادُ ٱلسَّمَٰوَٰتُ يَتَفَطَّرۡنَ مِنۡهُ وَتَنشَقُّ ٱلۡأَرۡضُ وَتَخِرُّ ٱلۡجِبَالُ هَدًّا

निकट है कि आकाश इससे फट पड़े और धरती टुकड़े-टुकड़े हो जाए और पहाड़ धमाके के साथ गिर पड़े
Surah Maryam, Verse 90


أَن دَعَوۡاْ لِلرَّحۡمَٰنِ وَلَدٗا

इस बात पर कि उन्होंने रहमान के लिए बेटा होने का दावा किया
Surah Maryam, Verse 91


وَمَا يَنۢبَغِي لِلرَّحۡمَٰنِ أَن يَتَّخِذَ وَلَدًا

जबकि रहमान की प्रतिष्ठा के प्रतिकूल है कि वह किसी को अपना बेटा बनाए
Surah Maryam, Verse 92


إِن كُلُّ مَن فِي ٱلسَّمَٰوَٰتِ وَٱلۡأَرۡضِ إِلَّآ ءَاتِي ٱلرَّحۡمَٰنِ عَبۡدٗا

आकाशों और धरती में जो कोई भी है एक बन्दें के रूप में रहमान के पास आनेवाला है
Surah Maryam, Verse 93


لَّقَدۡ أَحۡصَىٰهُمۡ وَعَدَّهُمۡ عَدّٗا

उसने उनका आकलन कर रखा है और उन्हें अच्छी तरह गिन रखा है
Surah Maryam, Verse 94


وَكُلُّهُمۡ ءَاتِيهِ يَوۡمَ ٱلۡقِيَٰمَةِ فَرۡدًا

और उनमें से प्रत्येक क़ियामत के दिन उस अकेले (रहमान) के सामने उपस्थित होगा
Surah Maryam, Verse 95


إِنَّ ٱلَّذِينَ ءَامَنُواْ وَعَمِلُواْ ٱلصَّـٰلِحَٰتِ سَيَجۡعَلُ لَهُمُ ٱلرَّحۡمَٰنُ وُدّٗا

निस्संदेह जो लोग ईमान लाए और उन्होंने अच्छे कर्म किए शीघ्र ही रहमान उनके लिए प्रेम उत्पन्न कर देगा
Surah Maryam, Verse 96


فَإِنَّمَا يَسَّرۡنَٰهُ بِلِسَانِكَ لِتُبَشِّرَ بِهِ ٱلۡمُتَّقِينَ وَتُنذِرَ بِهِۦ قَوۡمٗا لُّدّٗا

अतः हमने इस वाणी को तुम्हारी भाषा में इसी लिए सहज एवं उपयुक्त बनाया है, ताकि तुम इसके द्वारा डर रखनेवालों को शुभ सूचना दो और उन झगड़ालू लोगों को इसके द्वारा डराओ
Surah Maryam, Verse 97


وَكَمۡ أَهۡلَكۡنَا قَبۡلَهُم مِّن قَرۡنٍ هَلۡ تُحِسُّ مِنۡهُم مِّنۡ أَحَدٍ أَوۡ تَسۡمَعُ لَهُمۡ رِكۡزَۢا

उनसे पहले कितनी ही नसलों को हम विनष्ट कर चुके है। क्या उनमें किसी की आहट तुम पाते हो या उनकी कोई भनक सुनते हो
Surah Maryam, Verse 98


Author: Muhammad Farooq Khan And Muhammad Ahmed


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