أَوَكُلَّمَا عَٰهَدُواْ عَهۡدٗا نَّبَذَهُۥ فَرِيقٞ مِّنۡهُمۚ بَلۡ أَكۡثَرُهُمۡ لَا يُؤۡمِنُونَ
क्या ऐसा नहीं हुआ है कि जब कभी उन्होंने कोई वचन दिया, तो उनके एक गिरोह ने उसे भंग कर दिया? बल्कि इनमें बहुतेरे ऐसे हैं, जो ईमान नहीं रखते।
Author: Maulana Azizul Haque Al Umari