Surah Al-Baqara Verse 101 - Hindi Translation by Maulana Azizul Haque Al Umari
Surah Al-Baqaraوَلَمَّا جَآءَهُمۡ رَسُولٞ مِّنۡ عِندِ ٱللَّهِ مُصَدِّقٞ لِّمَا مَعَهُمۡ نَبَذَ فَرِيقٞ مِّنَ ٱلَّذِينَ أُوتُواْ ٱلۡكِتَٰبَ كِتَٰبَ ٱللَّهِ وَرَآءَ ظُهُورِهِمۡ كَأَنَّهُمۡ لَا يَعۡلَمُونَ
तथा जब उनके पास अल्लाह की ओर से एक रसूल, उस पुस्तक का समर्थन करते हुए, जो उनके पास है, आ गया,[1] तो उनके एक समुदाय ने जिनहें पुस्तक दी गयी, अल्लाह की पुस्तक को ऐसे पीछे डाल दिया, जैसे वे कुछ जानते ही न हों।