أُوْلَـٰٓئِكَ ٱلَّذِينَ ٱشۡتَرَوُاْ ٱلۡحَيَوٰةَ ٱلدُّنۡيَا بِٱلۡأٓخِرَةِۖ فَلَا يُخَفَّفُ عَنۡهُمُ ٱلۡعَذَابُ وَلَا هُمۡ يُنصَرُونَ
उन्होंने ही आख़िरत (परलोक) के बदले सांसारिक जीवन ख़रीद लिया। अतः उनसे यातना मंद नहीं की जायेगी और न उनकी सहायता की जायेगी।
Author: Maulana Azizul Haque Al Umari