Surah Al-Baqara Verse 87 - Hindi Translation by Maulana Azizul Haque Al Umari
Surah Al-Baqaraوَلَقَدۡ ءَاتَيۡنَا مُوسَى ٱلۡكِتَٰبَ وَقَفَّيۡنَا مِنۢ بَعۡدِهِۦ بِٱلرُّسُلِۖ وَءَاتَيۡنَا عِيسَى ٱبۡنَ مَرۡيَمَ ٱلۡبَيِّنَٰتِ وَأَيَّدۡنَٰهُ بِرُوحِ ٱلۡقُدُسِۗ أَفَكُلَّمَا جَآءَكُمۡ رَسُولُۢ بِمَا لَا تَهۡوَىٰٓ أَنفُسُكُمُ ٱسۡتَكۡبَرۡتُمۡ فَفَرِيقٗا كَذَّبۡتُمۡ وَفَرِيقٗا تَقۡتُلُونَ
तथा हमने मूसा को पुस्तक (तौरात) प्रदान की और उसके पश्चात् निरन्तर रसूल भेजे और हमने मर्यम के पुत्र ईसा को खुली निशानियाँ दीं और रूह़ुल क़ुदुस[1] द्वारा उसे समर्थन दिया, तो क्या जब भी कोई रसूल तुम्हारी अपनी मनमानी के विरुध्द कोई बात तुम्हारे पास लेकर आया, तो तुम अकड़ गये, अतः कुछ नबियों को झुठला दिया और कुछ की हत्या करने लगे