وَمَن يَكۡسِبۡ خَطِيٓـَٔةً أَوۡ إِثۡمٗا ثُمَّ يَرۡمِ بِهِۦ بَرِيٓـٔٗا فَقَدِ ٱحۡتَمَلَ بُهۡتَٰنٗا وَإِثۡمٗا مُّبِينٗا
और जो व्यक्ति कोई ग़लती या गुनाह की कमाई करे, फिर उसे किसी निर्दोष पर थोप दे, तो उसने एक बड़े लांछन और खुले गुनाह का बोझ अपने ऊपर ले लिया
Author: Muhammad Farooq Khan And Muhammad Ahmed