Surah An-Nisa Verse 25 - Hindi Translation by Muhammad Farooq Khan And Muhammad Ahmed
Surah An-Nisaوَمَن لَّمۡ يَسۡتَطِعۡ مِنكُمۡ طَوۡلًا أَن يَنكِحَ ٱلۡمُحۡصَنَٰتِ ٱلۡمُؤۡمِنَٰتِ فَمِن مَّا مَلَكَتۡ أَيۡمَٰنُكُم مِّن فَتَيَٰتِكُمُ ٱلۡمُؤۡمِنَٰتِۚ وَٱللَّهُ أَعۡلَمُ بِإِيمَٰنِكُمۚ بَعۡضُكُم مِّنۢ بَعۡضٖۚ فَٱنكِحُوهُنَّ بِإِذۡنِ أَهۡلِهِنَّ وَءَاتُوهُنَّ أُجُورَهُنَّ بِٱلۡمَعۡرُوفِ مُحۡصَنَٰتٍ غَيۡرَ مُسَٰفِحَٰتٖ وَلَا مُتَّخِذَٰتِ أَخۡدَانٖۚ فَإِذَآ أُحۡصِنَّ فَإِنۡ أَتَيۡنَ بِفَٰحِشَةٖ فَعَلَيۡهِنَّ نِصۡفُ مَا عَلَى ٱلۡمُحۡصَنَٰتِ مِنَ ٱلۡعَذَابِۚ ذَٰلِكَ لِمَنۡ خَشِيَ ٱلۡعَنَتَ مِنكُمۡۚ وَأَن تَصۡبِرُواْ خَيۡرٞ لَّكُمۡۗ وَٱللَّهُ غَفُورٞ رَّحِيمٞ
और तुममें से जिस किसी की इतनी सामर्थ्य न हो कि पाकदामन, स्वतंत्र, ईमानवाली स्त्रियों से विवाह कर सके, तो तुम्हारी वे ईमानवाली जवान लौडियाँ ही सही जो तुम्हारे क़ब्ज़े में हो। और अल्लाह तुम्हारे ईमान को भली-भाँति जानता है। तुम सब आपस में एक ही हो, तो उनके मालिकों की अनुमति से तुम उनसे विवाह कर लो और सामान्य नियम के अनुसार उन्हें उनका हक़ भी दो। वे पाकदामनी की सुरक्षा करनेवाली हों, स्वच्छन्द काम-तृप्ति न करनेवाली हों और न वे चोरी-छिपे ग़ैरो से प्रेम करनेवाली हों। फिर जब वे विवाहिता बना ली जाएँ और उसके पश्चात कोई अश्लील कर्म कर बैठें, तो जो दंड सम्मानित स्त्रियों के लिए है, उसका आधा उनके लिए होगा। यह तुममें से उस व्यक्ति के लिए है, जिसे ख़राबी में पड़ जाने का भय हो, और यह कि तुम धैर्य से काम लो तो यह तुम्हारे लिए अधिक अच्छा है। निस्संदेह अल्लाह बहुत क्षमाशील, दयावान है