Surah An-Nisa Verse 90 - Hindi Translation by Muhammad Farooq Khan And Muhammad Ahmed
Surah An-Nisaإِلَّا ٱلَّذِينَ يَصِلُونَ إِلَىٰ قَوۡمِۭ بَيۡنَكُمۡ وَبَيۡنَهُم مِّيثَٰقٌ أَوۡ جَآءُوكُمۡ حَصِرَتۡ صُدُورُهُمۡ أَن يُقَٰتِلُوكُمۡ أَوۡ يُقَٰتِلُواْ قَوۡمَهُمۡۚ وَلَوۡ شَآءَ ٱللَّهُ لَسَلَّطَهُمۡ عَلَيۡكُمۡ فَلَقَٰتَلُوكُمۡۚ فَإِنِ ٱعۡتَزَلُوكُمۡ فَلَمۡ يُقَٰتِلُوكُمۡ وَأَلۡقَوۡاْ إِلَيۡكُمُ ٱلسَّلَمَ فَمَا جَعَلَ ٱللَّهُ لَكُمۡ عَلَيۡهِمۡ سَبِيلٗا
सिवाय उन लोगों के जो ऐसे लोगों से सम्बन्ध रखते हों, जिनसे तुम्हारे और उनकी बीच कोई समझौता हो या वे तुम्हारे पास इस दशा में आएँ कि उनके दिल इससे तंग हो रहे हों कि वे तुमसे लड़े या अपने लोगों से लड़ाई करें। यदि अल्लाह चाहता तो उन्हें तुमपर क़ाबू दे देता। फिर तो वे तुमसे अवश्य लड़ते; तो यदि वे तुमसे अलग रहें और तुमसे न लड़ें और संधि के लिए तुम्हारी ओर हाथ बढ़ाएँ तो उनके विरुद्ध अल्लाह ने तुम्हारे लिए कोई रास्ता नहीं रखा है