Surah Al-Hadid Verse 20 - Hindi Translation by Suhel Farooq Khan And Saifur Rahman Nadwi
Surah Al-Hadidٱعۡلَمُوٓاْ أَنَّمَا ٱلۡحَيَوٰةُ ٱلدُّنۡيَا لَعِبٞ وَلَهۡوٞ وَزِينَةٞ وَتَفَاخُرُۢ بَيۡنَكُمۡ وَتَكَاثُرٞ فِي ٱلۡأَمۡوَٰلِ وَٱلۡأَوۡلَٰدِۖ كَمَثَلِ غَيۡثٍ أَعۡجَبَ ٱلۡكُفَّارَ نَبَاتُهُۥ ثُمَّ يَهِيجُ فَتَرَىٰهُ مُصۡفَرّٗا ثُمَّ يَكُونُ حُطَٰمٗاۖ وَفِي ٱلۡأٓخِرَةِ عَذَابٞ شَدِيدٞ وَمَغۡفِرَةٞ مِّنَ ٱللَّهِ وَرِضۡوَٰنٞۚ وَمَا ٱلۡحَيَوٰةُ ٱلدُّنۡيَآ إِلَّا مَتَٰعُ ٱلۡغُرُورِ
जान रखो कि दुनियावी ज़िन्दगी महज़ खेल और तमाशा और ज़ाहिरी ज़ीनत (व आसाइश) और आपस में एक दूसरे पर फ़ख्र क़रना और माल और औलाद की एक दूसरे से ज्यादा ख्वाहिश है (दुनयावी ज़िन्दगी की मिसाल तो) बारिश की सी मिसाल है जिस (की वजह) से किसानों की खेती (लहलहाती और) उनको ख़ुश कर देती थी फिर सूख जाती है तो तू उसको देखता है कि ज़र्द हो जाती है फिर चूर चूर हो जाती है और आख़िरत में (कुफ्फार के लिए) सख्त अज़ाब है और (मोमिनों के लिए) ख़ुदा की तरफ से बख़्शिस और ख़ुशनूदी और दुनयावी ज़िन्दगी तो बस फ़रेब का साज़ो सामान है