Surah At-Tahrim Verse 10 - Hindi Translation by Maulana Azizul Haque Al Umari
Surah At-Tahrimضَرَبَ ٱللَّهُ مَثَلٗا لِّلَّذِينَ كَفَرُواْ ٱمۡرَأَتَ نُوحٖ وَٱمۡرَأَتَ لُوطٖۖ كَانَتَا تَحۡتَ عَبۡدَيۡنِ مِنۡ عِبَادِنَا صَٰلِحَيۡنِ فَخَانَتَاهُمَا فَلَمۡ يُغۡنِيَا عَنۡهُمَا مِنَ ٱللَّهِ شَيۡـٔٗا وَقِيلَ ٱدۡخُلَا ٱلنَّارَ مَعَ ٱلدَّـٰخِلِينَ
अल्लाह ने उदाहरण दिया है उनके लिए, जो काफ़िर हो गये नूह़ की पत्नी तथा लूत की पत्नी का। जो दोनों विवाह में थीं दो भक्तों के, हमारे सदाचारी भक्तों में से। फिर दोनों ने विश्वासघात[1] किया उनसे। तो दोनों उनके, अल्लाह के यहाँ कुछ काम नहीं आये तथा (दोनों स्त्रियों से) कहा गया कि प्रवेश कर जाओ नरक में प्रवेश करने वालों के साथ।