يَـٰٓأَيُّهَا ٱلنَّبِيُّ جَٰهِدِ ٱلۡكُفَّارَ وَٱلۡمُنَٰفِقِينَ وَٱغۡلُظۡ عَلَيۡهِمۡۚ وَمَأۡوَىٰهُمۡ جَهَنَّمُۖ وَبِئۡسَ ٱلۡمَصِيرُ
हे नबी! आप जिहाद करें काफ़िरों और मुनाफ़िक़ों से और उनपर कड़ाई करें।[1] उनका स्थान नरक है और वह बुरा स्थान है।
Author: Maulana Azizul Haque Al Umari