Surah Ad-Dhuha - Hindi Translation by Muhammad Farooq Khan And Muhammad Ahmed
وَٱلضُّحَىٰ
साक्षी है चढ़ता दिन
Surah Ad-Dhuha, Verse 1
وَٱلَّيۡلِ إِذَا سَجَىٰ
और रात जबकि उसका सन्नाटा छा जाए
Surah Ad-Dhuha, Verse 2
مَا وَدَّعَكَ رَبُّكَ وَمَا قَلَىٰ
तुम्हारे रब ने तुम्हें न तो विदा किया और न वह बेज़ार (अप्रसन्न) हुआ
Surah Ad-Dhuha, Verse 3
وَلَلۡأٓخِرَةُ خَيۡرٞ لَّكَ مِنَ ٱلۡأُولَىٰ
और निश्चय ही बाद में आनेवाली (अवधि) तुम्हारे लिए पहलेवाली से उत्तम है
Surah Ad-Dhuha, Verse 4
وَلَسَوۡفَ يُعۡطِيكَ رَبُّكَ فَتَرۡضَىٰٓ
और शीघ्र ही तुम्हारा रब तुम्हें प्रदान करेगा कि तुम प्रसन्न हो जाओगे
Surah Ad-Dhuha, Verse 5
أَلَمۡ يَجِدۡكَ يَتِيمٗا فَـَٔاوَىٰ
क्या ऐसा नहीं कि उसने तुम्हें अनाथ पाया तो ठिकाना दिया
Surah Ad-Dhuha, Verse 6
وَوَجَدَكَ ضَآلّٗا فَهَدَىٰ
और तुम्हें मार्ग से अपरिचित पाया तो मार्ग दिखाया
Surah Ad-Dhuha, Verse 7
وَوَجَدَكَ عَآئِلٗا فَأَغۡنَىٰ
और तुम्हें निर्धन पाया तो समृद्ध कर दिया
Surah Ad-Dhuha, Verse 8
فَأَمَّا ٱلۡيَتِيمَ فَلَا تَقۡهَرۡ
अतः जो अनाथ हो उसे मत दबाना
Surah Ad-Dhuha, Verse 9
وَأَمَّا ٱلسَّآئِلَ فَلَا تَنۡهَرۡ
और जो माँगता हो उसे न झिझकना
Surah Ad-Dhuha, Verse 10
وَأَمَّا بِنِعۡمَةِ رَبِّكَ فَحَدِّثۡ
और जो तुम्हें रब की अनुकम्पा है, उसे बयान करते रहो
Surah Ad-Dhuha, Verse 11