Surah Ad-Dhuha - Hindi Translation by Suhel Farooq Khan And Saifur Rahman Nadwi
وَٱلضُّحَىٰ
(ऐ रसूल) पहर दिन चढ़े की क़सम
Surah Ad-Dhuha, Verse 1
وَٱلَّيۡلِ إِذَا سَجَىٰ
और रात की जब (चीज़ों को) छुपा ले
Surah Ad-Dhuha, Verse 2
مَا وَدَّعَكَ رَبُّكَ وَمَا قَلَىٰ
कि तुम्हारा परवरदिगार न तुमको छोड़ बैठा और (न तुमसे) नाराज़ हुआ
Surah Ad-Dhuha, Verse 3
وَلَلۡأٓخِرَةُ خَيۡرٞ لَّكَ مِنَ ٱلۡأُولَىٰ
और तुम्हारे वास्ते आख़ेरत दुनिया से यक़ीनी कहीं बेहतर है
Surah Ad-Dhuha, Verse 4
وَلَسَوۡفَ يُعۡطِيكَ رَبُّكَ فَتَرۡضَىٰٓ
और तुम्हारा परवरदिगार अनक़रीब इस क़दर अता करेगा कि तुम ख़ुश हो जाओ
Surah Ad-Dhuha, Verse 5
أَلَمۡ يَجِدۡكَ يَتِيمٗا فَـَٔاوَىٰ
क्या उसने तुम्हें यतीम पाकर (अबू तालिब की) पनाह न दी (ज़रूर दी)
Surah Ad-Dhuha, Verse 6
وَوَجَدَكَ ضَآلّٗا فَهَدَىٰ
और तुमको एहकाम से नावाकिफ़ देखा तो मंज़िले मक़सूद तक पहुँचा दिया
Surah Ad-Dhuha, Verse 7
وَوَجَدَكَ عَآئِلٗا فَأَغۡنَىٰ
और तुमको तंगदस्त देखकर ग़नी कर दिया
Surah Ad-Dhuha, Verse 8
فَأَمَّا ٱلۡيَتِيمَ فَلَا تَقۡهَرۡ
तो तुम भी यतीम पर सितम न करना
Surah Ad-Dhuha, Verse 9
وَأَمَّا ٱلسَّآئِلَ فَلَا تَنۡهَرۡ
माँगने वाले को झिड़की न देना
Surah Ad-Dhuha, Verse 10
وَأَمَّا بِنِعۡمَةِ رَبِّكَ فَحَدِّثۡ
और अपने परवरदिगार की नेअमतों का ज़िक्र करते रहना
Surah Ad-Dhuha, Verse 11