Surah Al-Fatiha - Hindi Translation by Maulana Azizul Haque Al Umari
بِسۡمِ ٱللَّهِ ٱلرَّحۡمَٰنِ ٱلرَّحِيمِ
अल्लाह के नाम से, जो अत्यन्त कृपाशील तथा दयावान् है।
Surah Al-Fatiha, Verse 1
ٱلۡحَمۡدُ لِلَّهِ رَبِّ ٱلۡعَٰلَمِينَ
सब प्रशंसायें अल्लाह[1] के लिए हैं, जो सारे संसारों का पालनहार[2] है।
Surah Al-Fatiha, Verse 2
ٱلرَّحۡمَٰنِ ٱلرَّحِيمِ
जो अत्यंत कृपाशील और दयावान्[1] है।
Surah Al-Fatiha, Verse 3
مَٰلِكِ يَوۡمِ ٱلدِّينِ
जो प्रतिकार[1] (बदले) के दिन का मालिक है।
Surah Al-Fatiha, Verse 4
إِيَّاكَ نَعۡبُدُ وَإِيَّاكَ نَسۡتَعِينُ
(हे अल्लाह!) हम केवल तुझी को पूजते हैं और केवल तुझी से सहायता मांगते[1] हैं।
Surah Al-Fatiha, Verse 5
ٱهۡدِنَا ٱلصِّرَٰطَ ٱلۡمُسۡتَقِيمَ
हमें सुपथ (सीधा मार्ग) दिखा।
Surah Al-Fatiha, Verse 6
صِرَٰطَ ٱلَّذِينَ أَنۡعَمۡتَ عَلَيۡهِمۡ غَيۡرِ ٱلۡمَغۡضُوبِ عَلَيۡهِمۡ وَلَا ٱلضَّآلِّينَ
उनका मार्ग, जिनपर तूने पुरस्कार किया।[1] उनका नहीं, जिनपर तेरा प्रकोप[2] हुआ और न ही उनका, जो कुपथ (गुमराह) हो गये।
Surah Al-Fatiha, Verse 7