Surah Ash-Shams - Hindi Translation by Maulana Azizul Haque Al Umari
وَٱلشَّمۡسِ وَضُحَىٰهَا
सूर्य तथा उसकी धूप की शपथ है
Surah Ash-Shams, Verse 1
وَٱلۡقَمَرِ إِذَا تَلَىٰهَا
और चाँद की शपथ, जब उसके पीछे निकले
Surah Ash-Shams, Verse 2
وَٱلنَّهَارِ إِذَا جَلَّىٰهَا
और दिन की शपथ, जब उसे (अर्थात सूर्य को) प्रकट कर दे
Surah Ash-Shams, Verse 3
وَٱلَّيۡلِ إِذَا يَغۡشَىٰهَا
और रात्रि की सौगन्ध, जब उसे (सूर्य को) छुपा ले
Surah Ash-Shams, Verse 4
وَٱلسَّمَآءِ وَمَا بَنَىٰهَا
और आकाश की सौगन्ध तथा उसकी जिसने उसे बनाया
Surah Ash-Shams, Verse 5
وَٱلۡأَرۡضِ وَمَا طَحَىٰهَا
तथा धरती की सौगन्ध और जिसने उसे फैलाया
Surah Ash-Shams, Verse 6
وَنَفۡسٖ وَمَا سَوَّىٰهَا
और जीव की सौगन्ध, तथा उसकी जिसने उसे ठीक ठीक सुधारा।
Surah Ash-Shams, Verse 7
فَأَلۡهَمَهَا فُجُورَهَا وَتَقۡوَىٰهَا
फिर उसे दुराचार तथा सदाचार का विवेक दिया है।
Surah Ash-Shams, Verse 8
قَدۡ أَفۡلَحَ مَن زَكَّىٰهَا
वह सफल हो गया, जिसने अपने जीव का शुध्दिकरण किया।
Surah Ash-Shams, Verse 9
وَقَدۡ خَابَ مَن دَسَّىٰهَا
तथा वह क्षति में पड़ गया, जिसने उसे (पाप में) धंसा दिया।
Surah Ash-Shams, Verse 10
كَذَّبَتۡ ثَمُودُ بِطَغۡوَىٰهَآ
समूद" जाति ने अपने दुराचार के कारण (ईशदूत) को झुठलाया।
Surah Ash-Shams, Verse 11
إِذِ ٱنۢبَعَثَ أَشۡقَىٰهَا
जब उनमें से एक हत्भागा तैयार हुआ।
Surah Ash-Shams, Verse 12
فَقَالَ لَهُمۡ رَسُولُ ٱللَّهِ نَاقَةَ ٱللَّهِ وَسُقۡيَٰهَا
(ईशदूत सालेह ने) उनसे कहा कि अल्लाह की ऊँटनी और उसके पीने की बारी की रक्षा करो।
Surah Ash-Shams, Verse 13
فَكَذَّبُوهُ فَعَقَرُوهَا فَدَمۡدَمَ عَلَيۡهِمۡ رَبُّهُم بِذَنۢبِهِمۡ فَسَوَّىٰهَا
किन्तु, उन्होंने नहीं माना और उसे वध कर दिया, जिसके कारण उनके पालनहार ने यातना भेज दी और उन्हें चौरस कर दिया।
Surah Ash-Shams, Verse 14
وَلَا يَخَافُ عُقۡبَٰهَا
और वह उसके परिणाम से नहीं डरता।
Surah Ash-Shams, Verse 15