Surah Ash-Shams - Hindi Translation by Muhammad Farooq Khan And Muhammad Ahmed
وَٱلشَّمۡسِ وَضُحَىٰهَا
साक्षी है सूर्य और उसकी प्रभा
Surah Ash-Shams, Verse 1
وَٱلۡقَمَرِ إِذَا تَلَىٰهَا
और चन्द्रमा जबकि वह उनके पीछे आए
Surah Ash-Shams, Verse 2
وَٱلنَّهَارِ إِذَا جَلَّىٰهَا
और दिन, जबकि वह उसे प्रकट कर दे
Surah Ash-Shams, Verse 3
وَٱلَّيۡلِ إِذَا يَغۡشَىٰهَا
और रात, जबकि वह उसको ढाँक ले
Surah Ash-Shams, Verse 4
وَٱلسَّمَآءِ وَمَا بَنَىٰهَا
और आकाश और जैसा कुछ उसे उठाया
Surah Ash-Shams, Verse 5
وَٱلۡأَرۡضِ وَمَا طَحَىٰهَا
और धरती और जैसा कुछ उसे बिछाया
Surah Ash-Shams, Verse 6
وَنَفۡسٖ وَمَا سَوَّىٰهَا
और आत्मा और जैसा कुछ उसे सँवारा
Surah Ash-Shams, Verse 7
فَأَلۡهَمَهَا فُجُورَهَا وَتَقۡوَىٰهَا
फिर उसके दिल में डाली उसकी बुराई और उसकी परहेज़गारी
Surah Ash-Shams, Verse 8
قَدۡ أَفۡلَحَ مَن زَكَّىٰهَا
सफल हो गया जिसने उसे विकसित किया
Surah Ash-Shams, Verse 9
وَقَدۡ خَابَ مَن دَسَّىٰهَا
और असफल हुआ जिसने उसे दबा दिया
Surah Ash-Shams, Verse 10
كَذَّبَتۡ ثَمُودُ بِطَغۡوَىٰهَآ
समूद ने अपनी सरकशी से झुठलाया
Surah Ash-Shams, Verse 11
إِذِ ٱنۢبَعَثَ أَشۡقَىٰهَا
जब उनमें का सबसे बड़ा दुर्भाग्यशाली उठ खड़ा हुआ
Surah Ash-Shams, Verse 12
فَقَالَ لَهُمۡ رَسُولُ ٱللَّهِ نَاقَةَ ٱللَّهِ وَسُقۡيَٰهَا
तो अल्लाह के रसूल ने उनसे कहा, "सावधान, अल्लाह की ऊँटनी और उसके पिलाने (की बारी) से।
Surah Ash-Shams, Verse 13
فَكَذَّبُوهُ فَعَقَرُوهَا فَدَمۡدَمَ عَلَيۡهِمۡ رَبُّهُم بِذَنۢبِهِمۡ فَسَوَّىٰهَا
किन्तु उन्होंने उसे झुठलाया और उस ऊँटनी की कूचें काट डाली। अन्ततः उनके रब ने उनके गुनाह के कारण उनपर तबाही डाल दी और उन्हें बराबर कर दिया
Surah Ash-Shams, Verse 14
وَلَا يَخَافُ عُقۡبَٰهَا
और उसे उसके परिणाम का कोई भय नहीं
Surah Ash-Shams, Verse 15