Surah Ash-Shams - Hindi Translation by Suhel Farooq Khan And Saifur Rahman Nadwi
وَٱلشَّمۡسِ وَضُحَىٰهَا
सूरज की क़सम और उसकी रौशनी की
Surah Ash-Shams, Verse 1
وَٱلۡقَمَرِ إِذَا تَلَىٰهَا
और चाँद की जब उसके पीछे निकले
Surah Ash-Shams, Verse 2
وَٱلنَّهَارِ إِذَا جَلَّىٰهَا
और दिन की जब उसे चमका दे
Surah Ash-Shams, Verse 3
وَٱلَّيۡلِ إِذَا يَغۡشَىٰهَا
और रात की जब उसे ढाँक ले
Surah Ash-Shams, Verse 4
وَٱلسَّمَآءِ وَمَا بَنَىٰهَا
और आसमान की और जिसने उसे बनाया
Surah Ash-Shams, Verse 5
وَٱلۡأَرۡضِ وَمَا طَحَىٰهَا
और ज़मीन की जिसने उसे बिछाया
Surah Ash-Shams, Verse 6
وَنَفۡسٖ وَمَا سَوَّىٰهَا
और जान की और जिसने उसे दुरूस्त किया
Surah Ash-Shams, Verse 7
فَأَلۡهَمَهَا فُجُورَهَا وَتَقۡوَىٰهَا
फिर उसकी बदकारी और परहेज़गारी को उसे समझा दिया
Surah Ash-Shams, Verse 8
قَدۡ أَفۡلَحَ مَن زَكَّىٰهَا
(क़सम है) जिसने उस (जान) को (गनाह से) पाक रखा वह तो कामयाब हुआ
Surah Ash-Shams, Verse 9
وَقَدۡ خَابَ مَن دَسَّىٰهَا
और जिसने उसे (गुनाह करके) दबा दिया वह नामुराद रहा
Surah Ash-Shams, Verse 10
كَذَّبَتۡ ثَمُودُ بِطَغۡوَىٰهَآ
क़ौम मसूद ने अपनी सरकशी से (सालेह पैग़म्बर को) झुठलाया
Surah Ash-Shams, Verse 11
إِذِ ٱنۢبَعَثَ أَشۡقَىٰهَا
जब उनमें का एक बड़ा बदबख्त उठ खड़ा हुआ
Surah Ash-Shams, Verse 12
فَقَالَ لَهُمۡ رَسُولُ ٱللَّهِ نَاقَةَ ٱللَّهِ وَسُقۡيَٰهَا
तो ख़ुदा के रसूल (सालेह) ने उनसे कहा कि ख़ुदा की ऊँटनी और उसके पानी पीने से तअर्रुज़ न करना
Surah Ash-Shams, Verse 13
فَكَذَّبُوهُ فَعَقَرُوهَا فَدَمۡدَمَ عَلَيۡهِمۡ رَبُّهُم بِذَنۢبِهِمۡ فَسَوَّىٰهَا
मगर उन लोगों पैग़म्बर को झुठलाया और उसकी कूँचे काट डाली तो ख़ुदा ने उनके गुनाहों सबब से उन पर अज़ाब नाज़िल किया फिर (हलाक करके) बराबर कर दिया
Surah Ash-Shams, Verse 14
وَلَا يَخَافُ عُقۡبَٰهَا
और उसको उनके बदले का कोई ख़ौफ तो है नहीं
Surah Ash-Shams, Verse 15