Surah As-Saff - Hindi Translation by Maulana Azizul Haque Al Umari
سَبَّحَ لِلَّهِ مَا فِي ٱلسَّمَٰوَٰتِ وَمَا فِي ٱلۡأَرۡضِۖ وَهُوَ ٱلۡعَزِيزُ ٱلۡحَكِيمُ
अल्लाह की पवित्रता का गान करती है, जो वस्तु आकाशों तथा धरती में है और वह प्रभुत्वशाली, गुणी है।
Surah As-Saff, Verse 1
يَـٰٓأَيُّهَا ٱلَّذِينَ ءَامَنُواْ لِمَ تَقُولُونَ مَا لَا تَفۡعَلُونَ
हे ईमान वालो! तुम वह बात क्यों कहते हो जो करते नहीं
Surah As-Saff, Verse 2
كَبُرَ مَقۡتًا عِندَ ٱللَّهِ أَن تَقُولُواْ مَا لَا تَفۡعَلُونَ
अत्यंत अप्रिय है अल्लाह को तुम्हारी वह बात कहना, जिसे तुम (स्वयं) करते नहीं।
Surah As-Saff, Verse 3
إِنَّ ٱللَّهَ يُحِبُّ ٱلَّذِينَ يُقَٰتِلُونَ فِي سَبِيلِهِۦ صَفّٗا كَأَنَّهُم بُنۡيَٰنٞ مَّرۡصُوصٞ
निःसंदेह अल्लाह प्रेम करता है उनसे, जो युध्द करते हैं उसकी राह में पंक्तिबंद होकर, जैसे कि वह सीसा पिलाई दीवार हों।
Surah As-Saff, Verse 4
وَإِذۡ قَالَ مُوسَىٰ لِقَوۡمِهِۦ يَٰقَوۡمِ لِمَ تُؤۡذُونَنِي وَقَد تَّعۡلَمُونَ أَنِّي رَسُولُ ٱللَّهِ إِلَيۡكُمۡۖ فَلَمَّا زَاغُوٓاْ أَزَاغَ ٱللَّهُ قُلُوبَهُمۡۚ وَٱللَّهُ لَا يَهۡدِي ٱلۡقَوۡمَ ٱلۡفَٰسِقِينَ
तथा याद करो जब कहा मूसा ने अपनी जाति सेः हे मेरे समुदाय! तुम क्यों दुःख देते हो मुझे जबकि तुम जानते हो कि मैं अल्लाह का रसूल हूँ तुम्हारी ओर? फिर जब वह टेढ़े ही रह गये, तो टेढ़े कर दिये अल्लाह ने उनके दिल और अल्लाह संमार्ग नहीं दिखाता उल्लंघनकारियों को।
Surah As-Saff, Verse 5
وَإِذۡ قَالَ عِيسَى ٱبۡنُ مَرۡيَمَ يَٰبَنِيٓ إِسۡرَـٰٓءِيلَ إِنِّي رَسُولُ ٱللَّهِ إِلَيۡكُم مُّصَدِّقٗا لِّمَا بَيۡنَ يَدَيَّ مِنَ ٱلتَّوۡرَىٰةِ وَمُبَشِّرَۢا بِرَسُولٖ يَأۡتِي مِنۢ بَعۡدِي ٱسۡمُهُۥٓ أَحۡمَدُۖ فَلَمَّا جَآءَهُم بِٱلۡبَيِّنَٰتِ قَالُواْ هَٰذَا سِحۡرٞ مُّبِينٞ
तथा याद करो जब कहा मर्यम के पुत्र ईसा नेः हे इस्राईल की संतान! मैं तुम्हारी ओर रसूल हूँ और पुष्टि करने वाला हूँ उस तौरात की जो मुझसे पूर्व आयी है तथा शुभ सूचना देने वाला हूँ एक रसूल की, जो आयेगा मेरे पश्चात्, जिसका नाम अह़्मद है। फिर जब वह आ गये उनके पास खुले प्रमाणों को लेकर, तो उन्होंने कह दिया कि ये तो खुला जादू है।
Surah As-Saff, Verse 6
وَمَنۡ أَظۡلَمُ مِمَّنِ ٱفۡتَرَىٰ عَلَى ٱللَّهِ ٱلۡكَذِبَ وَهُوَ يُدۡعَىٰٓ إِلَى ٱلۡإِسۡلَٰمِۚ وَٱللَّهُ لَا يَهۡدِي ٱلۡقَوۡمَ ٱلظَّـٰلِمِينَ
और उससे अधिक अत्याचारी कौन होगा, जो झूठ घड़े अल्लाह पर, जबकि वह बुलाया जा रहा हो इस्लाम की ओर और अल्लाह मार्गदर्शन नहीं देता अत्याचारी जाति को।
Surah As-Saff, Verse 7
يُرِيدُونَ لِيُطۡفِـُٔواْ نُورَ ٱللَّهِ بِأَفۡوَٰهِهِمۡ وَٱللَّهُ مُتِمُّ نُورِهِۦ وَلَوۡ كَرِهَ ٱلۡكَٰفِرُونَ
वे चाहते हैं कि बुझा दें अल्लाह के प्रकाश को अपने मुखों से तथा अल्लाह पूरा करने वाला है अपने प्रकाश को, यद्यपि बुरा लगे काफ़िरों को।
Surah As-Saff, Verse 8
هُوَ ٱلَّذِيٓ أَرۡسَلَ رَسُولَهُۥ بِٱلۡهُدَىٰ وَدِينِ ٱلۡحَقِّ لِيُظۡهِرَهُۥ عَلَى ٱلدِّينِ كُلِّهِۦ وَلَوۡ كَرِهَ ٱلۡمُشۡرِكُونَ
वही है, जिसने भेजा है अपने रसूल को संमार्ग तथा सत्धर्म के साथ ताकि प्रभावित कर दे उसे प्रत्येक धर्म पर, चाहे बुरा लगे मुश्रिकों को।
Surah As-Saff, Verse 9
يَـٰٓأَيُّهَا ٱلَّذِينَ ءَامَنُواْ هَلۡ أَدُلُّكُمۡ عَلَىٰ تِجَٰرَةٖ تُنجِيكُم مِّنۡ عَذَابٍ أَلِيمٖ
हे ईमान वालो! क्या मैं बता दूँ तुम्हें ऐसा व्यापार, जो बचा ले तुम्हें दुःखदायी यातना से
Surah As-Saff, Verse 10
تُؤۡمِنُونَ بِٱللَّهِ وَرَسُولِهِۦ وَتُجَٰهِدُونَ فِي سَبِيلِ ٱللَّهِ بِأَمۡوَٰلِكُمۡ وَأَنفُسِكُمۡۚ ذَٰلِكُمۡ خَيۡرٞ لَّكُمۡ إِن كُنتُمۡ تَعۡلَمُونَ
तुम ईमान लाओ अल्लाह तथा उसके रसूल पर और जिहाद करो अल्लाह की राह में अपने धनों और प्राणों से, यही तुम्हारे लिए उत्तम है, यदि तुम जानो।
Surah As-Saff, Verse 11
يَغۡفِرۡ لَكُمۡ ذُنُوبَكُمۡ وَيُدۡخِلۡكُمۡ جَنَّـٰتٖ تَجۡرِي مِن تَحۡتِهَا ٱلۡأَنۡهَٰرُ وَمَسَٰكِنَ طَيِّبَةٗ فِي جَنَّـٰتِ عَدۡنٖۚ ذَٰلِكَ ٱلۡفَوۡزُ ٱلۡعَظِيمُ
वह क्षमा कर देगा तुम्हारे पाप और प्रवेश देगा तुम्हें ऐसे स्वर्गों में, बहती हैं जिनमें नहरें तथा स्वच्छ घरों में स्थायी स्वर्गों में। यही बड़ी सफलता है।
Surah As-Saff, Verse 12
وَأُخۡرَىٰ تُحِبُّونَهَاۖ نَصۡرٞ مِّنَ ٱللَّهِ وَفَتۡحٞ قَرِيبٞۗ وَبَشِّرِ ٱلۡمُؤۡمِنِينَ
और एक अन्य (प्रदान) जिससे तुम प्रेम करते हो। वह अल्लाह की सहायता तथा शीघ्र विजय है तथा शुभ सूचना सुना दो ईमान वालों को।
Surah As-Saff, Verse 13
يَـٰٓأَيُّهَا ٱلَّذِينَ ءَامَنُواْ كُونُوٓاْ أَنصَارَ ٱللَّهِ كَمَا قَالَ عِيسَى ٱبۡنُ مَرۡيَمَ لِلۡحَوَارِيِّـۧنَ مَنۡ أَنصَارِيٓ إِلَى ٱللَّهِۖ قَالَ ٱلۡحَوَارِيُّونَ نَحۡنُ أَنصَارُ ٱللَّهِۖ فَـَٔامَنَت طَّآئِفَةٞ مِّنۢ بَنِيٓ إِسۡرَـٰٓءِيلَ وَكَفَرَت طَّآئِفَةٞۖ فَأَيَّدۡنَا ٱلَّذِينَ ءَامَنُواْ عَلَىٰ عَدُوِّهِمۡ فَأَصۡبَحُواْ ظَٰهِرِينَ
हे ईमान वालो! तुम बन जाओ अल्लाह (के धर्म) के सहायक, जैसे मर्यम के पुत्र ईसा ने ह़वारियों से कहा था कि कौन मेरा सहायक है अल्लाह (के धर्म के प्रचार में)? तो ह़वारियों ने कहाः हम हैं अल्लाह के (धर्म के) सहायक। तो ईमान लाया इस्राईलियों का एक समूह और कुफ़्र किया दूसरे समूह ने। तो हमने समर्थन दिया उनको, जो ईमान लाये, उनके शत्रु के विरुध्द, तो वही विजयी रहे।
Surah As-Saff, Verse 14