Surah Ar-Rahman - Hindi Translation by Muhammad Farooq Khan And Muhammad Ahmed
ٱلرَّحۡمَٰنُ
रहमान ने
Surah Ar-Rahman, Verse 1
عَلَّمَ ٱلۡقُرۡءَانَ
क़ुरआन सिखाया
Surah Ar-Rahman, Verse 2
خَلَقَ ٱلۡإِنسَٰنَ
उसी ने मनुष्य को पैदा किया
Surah Ar-Rahman, Verse 3
عَلَّمَهُ ٱلۡبَيَانَ
उसे बोलना सिखाया
Surah Ar-Rahman, Verse 4
ٱلشَّمۡسُ وَٱلۡقَمَرُ بِحُسۡبَانٖ
सूर्य और चन्द्रमा एक हिसाब के पाबन्द है
Surah Ar-Rahman, Verse 5
وَٱلنَّجۡمُ وَٱلشَّجَرُ يَسۡجُدَانِ
और तारे और वृक्ष सजदा करते है
Surah Ar-Rahman, Verse 6
وَٱلسَّمَآءَ رَفَعَهَا وَوَضَعَ ٱلۡمِيزَانَ
उसने आकाश को ऊँचा किया और संतुलन स्थापित किया
Surah Ar-Rahman, Verse 7
أَلَّا تَطۡغَوۡاْ فِي ٱلۡمِيزَانِ
कि तुम भी तुला में सीमा का उल्लंघन न करो
Surah Ar-Rahman, Verse 8
وَأَقِيمُواْ ٱلۡوَزۡنَ بِٱلۡقِسۡطِ وَلَا تُخۡسِرُواْ ٱلۡمِيزَانَ
न्याय के साथ ठीक-ठीक तौलो और तौल में कमी न करो।
Surah Ar-Rahman, Verse 9
وَٱلۡأَرۡضَ وَضَعَهَا لِلۡأَنَامِ
और धरती को उसने सृष्टल प्राणियों के लिए बनाया
Surah Ar-Rahman, Verse 10
فِيهَا فَٰكِهَةٞ وَٱلنَّخۡلُ ذَاتُ ٱلۡأَكۡمَامِ
उसमें स्वादिष्ट फल है और खजूर के वृक्ष है, जिनके फल आवरणों में लिपटे हुए है
Surah Ar-Rahman, Verse 11
وَٱلۡحَبُّ ذُو ٱلۡعَصۡفِ وَٱلرَّيۡحَانُ
और भुसवाले अनाज भी और सुगंधित बेल-बूटा भी
Surah Ar-Rahman, Verse 12
فَبِأَيِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
तो तुम दोनों अपने रब की अनुकम्पाओं में से किस-किस को झुठलाओगे
Surah Ar-Rahman, Verse 13
خَلَقَ ٱلۡإِنسَٰنَ مِن صَلۡصَٰلٖ كَٱلۡفَخَّارِ
उसने मनुष्य को ठीकरी जैसी खनखनाती हुए मिट्टी से पैदा किया
Surah Ar-Rahman, Verse 14
وَخَلَقَ ٱلۡجَآنَّ مِن مَّارِجٖ مِّن نَّارٖ
और जिन्न को उसने आग की लपट से पैदा किया
Surah Ar-Rahman, Verse 15
فَبِأَيِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
फिर तुम दोनों अपने रब की सामर्थ्यों में से किस-किस को झुठलाओगे
Surah Ar-Rahman, Verse 16
رَبُّ ٱلۡمَشۡرِقَيۡنِ وَرَبُّ ٱلۡمَغۡرِبَيۡنِ
वह दो पूर्व का रब है और दो पश्चिम का रब भी।
Surah Ar-Rahman, Verse 17
فَبِأَيِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
फिर तुम दोनों अपने रब की महानताओं में से किस-किस को झुठलाओगे
Surah Ar-Rahman, Verse 18
مَرَجَ ٱلۡبَحۡرَيۡنِ يَلۡتَقِيَانِ
उसने दो समुद्रो को प्रवाहित कर दिया, जो आपस में मिल रहे होते है।
Surah Ar-Rahman, Verse 19
بَيۡنَهُمَا بَرۡزَخٞ لَّا يَبۡغِيَانِ
उन दोनों के बीच एक परदा बाधक होता है, जिसका वे अतिक्रमण नहीं करते
Surah Ar-Rahman, Verse 20
فَبِأَيِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
तो तुम दोनों अपने रब के चमत्कारों में से किस-किस को झुठलाओगे
Surah Ar-Rahman, Verse 21
يَخۡرُجُ مِنۡهُمَا ٱللُّؤۡلُؤُ وَٱلۡمَرۡجَانُ
उन (समुद्रों) से मोती और मूँगा निकलता है।
Surah Ar-Rahman, Verse 22
فَبِأَيِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
अतः तुम दोनों अपने रब के चमत्कारों में से किस-किस को झुठलाओगे
Surah Ar-Rahman, Verse 23
وَلَهُ ٱلۡجَوَارِ ٱلۡمُنشَـَٔاتُ فِي ٱلۡبَحۡرِ كَٱلۡأَعۡلَٰمِ
उसी के बस में है समुद्र में पहाड़ो की तरह उठे हुए जहाज़
Surah Ar-Rahman, Verse 24
فَبِأَيِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
तो तुम दोनों अपने रब की अनुकम्पाओं में से किस-किस को झुठलाओग
Surah Ar-Rahman, Verse 25
كُلُّ مَنۡ عَلَيۡهَا فَانٖ
प्रत्येक जो भी इस (धरती) पर है, नाशवान है
Surah Ar-Rahman, Verse 26
وَيَبۡقَىٰ وَجۡهُ رَبِّكَ ذُو ٱلۡجَلَٰلِ وَٱلۡإِكۡرَامِ
किन्तु तुम्हारे रब का प्रतापवान और उदार स्वरूप शेष रहनेवाला है
Surah Ar-Rahman, Verse 27
فَبِأَيِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
अतः तुम दोनों अपने रब के चमत्कारों में से किस-किस को झुठलाओगं
Surah Ar-Rahman, Verse 28
يَسۡـَٔلُهُۥ مَن فِي ٱلسَّمَٰوَٰتِ وَٱلۡأَرۡضِۚ كُلَّ يَوۡمٍ هُوَ فِي شَأۡنٖ
आकाशों और धरती में जो भी है उसी से माँगता है। उसकी नित्य नई शान है
Surah Ar-Rahman, Verse 29
فَبِأَيِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
अतः तुम दोनों अपने रब की अनुकम्पाओं में से किस-किस को झुठलाओगे
Surah Ar-Rahman, Verse 30
سَنَفۡرُغُ لَكُمۡ أَيُّهَ ٱلثَّقَلَانِ
ऐ दोनों बोझों! शीघ्र ही हम तुम्हारे लिए निवृत हुए जाते है
Surah Ar-Rahman, Verse 31
فَبِأَيِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
तो तुम दोनों अपने रब की अनुकम्पाओं में से किस-किस को झुठलाओगे
Surah Ar-Rahman, Verse 32
يَٰمَعۡشَرَ ٱلۡجِنِّ وَٱلۡإِنسِ إِنِ ٱسۡتَطَعۡتُمۡ أَن تَنفُذُواْ مِنۡ أَقۡطَارِ ٱلسَّمَٰوَٰتِ وَٱلۡأَرۡضِ فَٱنفُذُواْۚ لَا تَنفُذُونَ إِلَّا بِسُلۡطَٰنٖ
ऐ जिन्नों और मनुष्यों के गिरोह! यदि तुममें हो सके कि आकाशों और धरती की सीमाओं को पार कर सको, तो पार कर जाओ; तुम कदापि पार नहीं कर सकते बिना अधिकार-शक्ति के
Surah Ar-Rahman, Verse 33
فَبِأَيِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
अतः तुम दोनों अपने रब की सामर्थ्यों में से किस-किस को झुठलाओगे
Surah Ar-Rahman, Verse 34
يُرۡسَلُ عَلَيۡكُمَا شُوَاظٞ مِّن نَّارٖ وَنُحَاسٞ فَلَا تَنتَصِرَانِ
अतः तुम दोनों पर अग्नि-ज्वाला और धुएँवाला अंगारा (पिघला ताँबा) छोड़ दिया जाएगा, फिर तुम मुक़ाबला न कर सकोगे।
Surah Ar-Rahman, Verse 35
فَبِأَيِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
अतः तुम दोनों अपने रब की सामर्थ्यों में से किस-किस को झुठलाओगे
Surah Ar-Rahman, Verse 36
فَإِذَا ٱنشَقَّتِ ٱلسَّمَآءُ فَكَانَتۡ وَرۡدَةٗ كَٱلدِّهَانِ
फिर जब आकाश फट जाएगा और लाल चमड़े की तरह लाल हो जाएगा।
Surah Ar-Rahman, Verse 37
فَبِأَيِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
अतः तुम दोनों अपने रब के चमत्कारों में से किस-किस को झुठलाओगे
Surah Ar-Rahman, Verse 38
فَيَوۡمَئِذٖ لَّا يُسۡـَٔلُ عَن ذَنۢبِهِۦٓ إِنسٞ وَلَا جَآنّٞ
फिर उस दिन न किसी मनुष्य से उसके गुनाह के विषय में पूछा जाएगा न किसी जिन्न से
Surah Ar-Rahman, Verse 39
فَبِأَيِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
अतः तुम दोनों अपने रब के चमत्कारों में से किस-किस को झुठलाओगे
Surah Ar-Rahman, Verse 40
يُعۡرَفُ ٱلۡمُجۡرِمُونَ بِسِيمَٰهُمۡ فَيُؤۡخَذُ بِٱلنَّوَٰصِي وَٱلۡأَقۡدَامِ
अपराधी अपने चहरों से पहचान लिए जाएँगे और उनके माथे के बालों और टाँगों द्वारा पकड़ लिया जाएगा
Surah Ar-Rahman, Verse 41
فَبِأَيِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
अतः तुम दोनों अपने रब की सामर्थ्यों में से किस-किस को झुठलाओगे
Surah Ar-Rahman, Verse 42
هَٰذِهِۦ جَهَنَّمُ ٱلَّتِي يُكَذِّبُ بِهَا ٱلۡمُجۡرِمُونَ
यही वह जहन्नम है जिसे अपराधी लोग झूठ ठहराते रहे है
Surah Ar-Rahman, Verse 43
يَطُوفُونَ بَيۡنَهَا وَبَيۡنَ حَمِيمٍ ءَانٖ
वे उनके और खौलते हुए पानी के बीच चक्कर लगा रहें होंगे
Surah Ar-Rahman, Verse 44
فَبِأَيِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
फिर तुम दोनों अपने रब के सामर्थ्यों में से किस-किस को झुठलाओगे
Surah Ar-Rahman, Verse 45
وَلِمَنۡ خَافَ مَقَامَ رَبِّهِۦ جَنَّتَانِ
किन्तु जो अपने रब के सामने खड़े होने का डर रखता होगा, उसके लिए दो बाग़ है।
Surah Ar-Rahman, Verse 46
فَبِأَيِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
तो तुम दोनों अपने रब की अनुकम्पाओं में से किस-किस को झुठलाओगे
Surah Ar-Rahman, Verse 47
ذَوَاتَآ أَفۡنَانٖ
घनी डालियोंवाले
Surah Ar-Rahman, Verse 48
فَبِأَيِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
अतः तुम दोनों अपने रब के उपकारों में से किस-किस को झुठलाओगे
Surah Ar-Rahman, Verse 49
فِيهِمَا عَيۡنَانِ تَجۡرِيَانِ
उन दोनो (बाग़ो) में दो प्रवाहित स्रोत है।
Surah Ar-Rahman, Verse 50
فَبِأَيِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
अतः तुम दोनों अपने रब की अनुकम्पाओं में से किस-किस को झुठलाओगे
Surah Ar-Rahman, Verse 51
فِيهِمَا مِن كُلِّ فَٰكِهَةٖ زَوۡجَانِ
उन दोनों (बाग़ो) मे हर स्वादिष्ट फल की दो-दो किस्में हैं
Surah Ar-Rahman, Verse 52
فَبِأَيِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
अतः तुम दोनो रब के चमत्कारों में से किस-किस को झुठलाओगे
Surah Ar-Rahman, Verse 53
مُتَّكِـِٔينَ عَلَىٰ فُرُشِۭ بَطَآئِنُهَا مِنۡ إِسۡتَبۡرَقٖۚ وَجَنَى ٱلۡجَنَّتَيۡنِ دَانٖ
वे ऐसे बिछौनो पर तकिया लगाए हुए होंगे जिनके अस्तर गाढे रेशम के होंगे, और दोनों बाग़ो के फल झुके हुए निकट ही होंगे।
Surah Ar-Rahman, Verse 54
فَبِأَيِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
अतः तुम अपने रब के चमत्कारों में से किस-किस को झुठलाओगे
Surah Ar-Rahman, Verse 55
فِيهِنَّ قَٰصِرَٰتُ ٱلطَّرۡفِ لَمۡ يَطۡمِثۡهُنَّ إِنسٞ قَبۡلَهُمۡ وَلَا جَآنّٞ
उन (अनुकम्पाओं) में निगाह बचाए रखनेवाली (सुन्दर) स्त्रियाँ होंगी, जिन्हें उनसे पहले न किसी मनुष्य ने हाथ लगाया और न किसी जिन्न ने
Surah Ar-Rahman, Verse 56
فَبِأَيِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
फिर तुम दोनों अपने रब की अनुकम्पाओं में से किस-किस को झुठलाओगे
Surah Ar-Rahman, Verse 57
كَأَنَّهُنَّ ٱلۡيَاقُوتُ وَٱلۡمَرۡجَانُ
मानो वे लाल (याकूत) और प्रवाल (मूँगा) है।
Surah Ar-Rahman, Verse 58
فَبِأَيِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
अतः तुम दोनों अपने रब की अनुकम्पाओं में से किस-किस को झुठलाओगे
Surah Ar-Rahman, Verse 59
هَلۡ جَزَآءُ ٱلۡإِحۡسَٰنِ إِلَّا ٱلۡإِحۡسَٰنُ
अच्छाई का बदला अच्छाई के सिवा और क्या हो सकता है
Surah Ar-Rahman, Verse 60
فَبِأَيِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
अतः तुम दोनों अपने रब की अनुकम्पाओं में से किस-किस को झुठलाओगे
Surah Ar-Rahman, Verse 61
وَمِن دُونِهِمَا جَنَّتَانِ
उन दोनों से हटकर दो और बाग़ है।
Surah Ar-Rahman, Verse 62
فَبِأَيِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
फिर तुम दोनों अपने रब की अनुकम्पाओं में से किस-किस को झुठलाओगे
Surah Ar-Rahman, Verse 63
مُدۡهَآمَّتَانِ
गहरे हरित
Surah Ar-Rahman, Verse 64
فَبِأَيِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
अतः तुम दोनों अपने रब की अनुकम्पाओं में से किस-किस को झुठलाओगे
Surah Ar-Rahman, Verse 65
فِيهِمَا عَيۡنَانِ نَضَّاخَتَانِ
उन दोनों (बाग़ो) में दो स्रोत है जोश मारते हुए
Surah Ar-Rahman, Verse 66
فَبِأَيِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
अतः तुम दोनों अपने रब के चमत्कारों में से किस-किस को झुठलाओगे
Surah Ar-Rahman, Verse 67
فِيهِمَا فَٰكِهَةٞ وَنَخۡلٞ وَرُمَّانٞ
उनमें है स्वादिष्ट फल और खजूर और अनार
Surah Ar-Rahman, Verse 68
فَبِأَيِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
अतः तुम दोनों अपने रब की अनुकम्पाओं में से किस-किस को झुठलाओगे
Surah Ar-Rahman, Verse 69
فِيهِنَّ خَيۡرَٰتٌ حِسَانٞ
उनमें भली और सुन्दर स्त्रियाँ होंगी।
Surah Ar-Rahman, Verse 70
فَبِأَيِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
तो तुम दोनों अपने रब की अनुकम्पाओं में से किस-किस को झुठलाओगे
Surah Ar-Rahman, Verse 71
حُورٞ مَّقۡصُورَٰتٞ فِي ٱلۡخِيَامِ
हूरें (परम रूपवती स्त्रियाँ) ख़ेमों में रहनेवाली
Surah Ar-Rahman, Verse 72
فَبِأَيِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
अतः तुम दोनों अपने रब के चमत्कारों में से किस-किस को झुठलाओगे
Surah Ar-Rahman, Verse 73
لَمۡ يَطۡمِثۡهُنَّ إِنسٞ قَبۡلَهُمۡ وَلَا جَآنّٞ
जिन्हें उससे पहले न किसी मनुष्य ने हाथ लगाया होगा और न किसी जिन्न ने।
Surah Ar-Rahman, Verse 74
فَبِأَيِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
अतः तुम दोनों अपने रब की अनुकम्पाओं में से किस-किस को झुठलाओगे
Surah Ar-Rahman, Verse 75
مُتَّكِـِٔينَ عَلَىٰ رَفۡرَفٍ خُضۡرٖ وَعَبۡقَرِيٍّ حِسَانٖ
वे हरे रेशमी गद्दो और उत्कृष्ट् और असाधारण क़ालीनों पर तकिया लगाए होंगे
Surah Ar-Rahman, Verse 76
فَبِأَيِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
अतः तुम दोनों अपने रब की अनुकम्पाओं में से किस-किस को झुठलाओगे
Surah Ar-Rahman, Verse 77
تَبَٰرَكَ ٱسۡمُ رَبِّكَ ذِي ٱلۡجَلَٰلِ وَٱلۡإِكۡرَامِ
बड़ा ही बरकतवाला नाम है तुम्हारे प्रतापवान और उदार रब का
Surah Ar-Rahman, Verse 78